बंगाल में विधान सभा चुनाव से पहले  बड़े रोचक हालात देखने को मिल रहे हैं। सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस पार्टी (टीएमसी) के नेताओं का भाजपा में जाने का सिलसिला जारी है। इस बीच टीएमसी के एक नेता ने भाजपा में आने के बाद खुद को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी में रहने की सजा दी। साथ ही जनता से कहा कि वह उन्हें माफ कर दे।

टीएमसी के पूर्व नेता सुशांत पाल ने बुधवार को पश्चिम मेदिनीपुर में भाजपा में शामिल होने से पहले मंच पर ही तीन बार कान पकड़कर कर उठक-बैठक की। ऐसा करके उन्होंने खुद को टीएमसी में इतने दिन तक रहने पर सजा के तौर पर पश्चाताप किया। वहां मौजूद लोग उन्हें ऐसा करते देखकर चौंक गए। कुछ देर तक तो लोग समझ ही नहीं पाए कि यह हो क्या रहा है। बाद में उन्होंने ही खुद स्पष्ट कर दिया कि यह सब क्यों कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें इतने दिनों तक तृणमूल कांग्रेस पार्टी (टीएमसी) में रहने का पछतावा हो रहा है।

इस दौरान मंच पर मौजूद एक अन्य व्यक्ति ने हस्तक्षेप करते हुए उन्हें रोकने की कोशिश की, तो सुशांत पाल ने कहा कि वह टीएमसी कार्यकर्ता के रूप में हिस्सा रहने और सभी पापों के लिए खुद को प्रायश्चित करने के लिए ऐसा कर रहे हैं। बोले “मैं अब पश्चाताप कर रहा हूं और माफी मांग रहा हूं और यह एक छोटी सी सजा है जो मैंने खुद को दी है।”

यह सब टीएमसी में पूर्व मंत्री और अब भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी की मौजूदगी में हुआ। सुशांत पाल ने बताया कि पहले वह भाजपा में ही थे, लेकिन 2005 में वह वाम मोर्चा (लेफ्ट फ्रंट) की सरकार को हराने के लिए टीएमसी में चले गए थे।

अभी एक दिन पहले ही पश्चिम बर्धमान जिले के पंडाबेस्वर से दो बार विधायक रहे और आसनसोल के पूर्व मेयर जितेंद्र तिवारी ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है।