भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक एम महापात्र ने कहा कि चक्रवाती तूफान अम्फान बहुत प्रचंड है, जो बड़े स्तर पर नुकसान पहुंचा सकता है। उन्होंने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि अम्फान प्रचंड चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है और 20 मई को पश्चिम बंगाल के दीघा द्वीप तथा बांग्लादेश के हतिया द्वीपसमूह के बीच दस्तक दे सकता है। इस दौरान हवाओं की रफ्तार 165 से 175 किलोमीटर प्रति घंटे की रह सकती है, जो 195 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है।
महापात्र ने कहा, ‘इसके प्रचंड चक्रवाती तूफान के रूप में 20 मई की दोपहर बाद या शाम को उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी में उत्तर-उत्तर पश्चिम दिशा की ओर रुख करने तथा दीघा (पश्चिम बंगाल) एवं हतिया (बांग्लादेश) द्वीपसमूहों के बीच पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश तटीय क्षेत्रों को पार करने की काफी संभावना है।’ उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में 19 और 20 मई को भारी से काफी मूसलाधार बारिश होगी। इन जिलों में पूर्वी मिदनापुर, दक्षिण और उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली और कोलकाता हैं।
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तूफान के दस्तक देने के दौरान समुद्र से करीब चार से छह मीटर ऊंची तूफानी लहरें आने के कारण दक्षिण और उत्तर 24 परगना जिलों के निचले इलाके जलमग्न हो सकते हैं। तटीय ओडिशा में भी 19 मई को कई स्थानों पर हल्की से मध्यम स्तर की बारिश होने की संभावना है। उत्तरी तटीय ओडिशा में जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, जाजपुर, बालासोर, भद्रक और मयूरभंज जिलों में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है और खोरधा तथा पुरी जिलों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। उत्तरी ओडिशा में बालासोर, भद्रक, मयूरभंज, जाजपुर, केंद्रपाड़ा और क्योंझर जिलों में 20 मई को भी कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।।
महाचक्रवात ‘अम्फान’ के ओडिशा तट के करीब पहुंचने के साथ ही राज्य के कई हिस्सों में बारिश हुई जबकि राज्य सरकार ने संवेदनशील एवं निचले इलाकों को खाली कराने के प्रयास तेज कर दिए हैं। अम्फान से प्रभावित होने वाले दो राज्य ओडिशा और पश्चिम बंगाल में एनडीआरएफ की कुल 41 टीमों को तैनात किया गया है।’
सुपर साइक्लोन 'अम्फान' ओडिशा तट के करीब पहुंच गया है जिसके चलते इलाके में कई जगहों पर बारिश भी हुई है। राज्य में बालासोर के रेमूना ब्लॉक से तटीय इलाकों में रहने वाले 1200 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
महा चक्रवात 'अम्फान' के बुधवार को पश्चिम बंगाल के तट पर टकराने की प्रबल संभावना है। इस दौरान 155 से 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक हवाएं चलने और भारी बारिश की संभावना है। एक सरकारी बयान में बताया गया है कि कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की मंगलवार की समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी गई है। इस बैठक में चक्रवाती तूफान से निपटने में राज्य, केंद्रीय मंत्रालयों और एजेंसियों की तैयारियों का जायजा लिया गया है।
भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने मंगलार को पार्टी कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे महा चक्रवात ’अम्फान’ से प्रभावित होने वाले राज्यों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और राहत से जुड़े अभयानों में शामिल हों तथा स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर काम करें। नड्डा ने एक बयान में कहा उन्होंने कि ओडिशा, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु के वरिष्ठ भाजपा नेताओं के साथ वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से राहत अभियान से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा, ‘‘महाचक्रवात अम्फान ओडिशा, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु के तटीय क्षेत्र की तरफ बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस विषय को लेकर गृह मंत्रालय और एनडीएमए के साथ चर्चा की है।’’
चक्रवाती तूफान 'अम्फान' का असर बिहार में भी दिखेगा जिसके चलते राज्य में मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है। राज्य में अगले 72 घंटे काफी अहम होने वाले हैं। राज्य में बारिश और आंधी के प्रबल आसार हैं।
NDRF चीफ एस.एन. प्रधान ने कहा कि ओडिशा में 15 टीमें तैनात हैं। वे जागरूकता ड्राइव, संचार ड्राइव और निकासी का काम कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल में 19 टीमें तैनात हैं, 2 टीम वहां स्टैंडबाय में रखी गई हैं। हमें अभी दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है कोविड-19 और चक्रवात। हमने बैकअप रखा है। 6 NDRF बटालियन - 11, 9, 1, 10, 4, 5 इसके लिए रखी गई हैं। 11बटालियन वाराणसी में, 9बटालियन पटना में, गुवाहाटी में 1बटालियन, विजयवाड़ा में 10बटालियन, अरक्कोणम में 4बटालियन और पुणे में 5बटालियन है।उन्हें जरूरत पड़ने पर जल्द से जल्द लाया जा सकता है।
आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी ने कहा, ‘‘एसडीआरएफ के लगभग चार हजार कर्मी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने संबंधी अभियान की निगरानी कर रहे हैं। मछुआरों को अगले दो दिन तक समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है और जो लोग समुद्र में हैं, उन्हें वापस लौटने को कहा गया है।’’ अधिकारी ने कहा, ‘‘हम किसी भी घटना से निपटने के लिए हर संभव उपाय कर रहे हैं। स्थिति पर नजर रखने के लिए विशेष नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं।’
तबाही के मद्देनजर ओड़िशा के तटीय इलाकों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। राज्य के जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक और बालासोर जिले में विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
1999 के बाद दूसरा प्रचंड चक्रवातीय तूफान है। एनडीआरएफ ने कहा कि अम्फान' 1999 के बाद भारत में आने वाला यह दूसरा प्रचंड चक्रवातीय तूफान होगा।
सुपर साइक्लोन एम्फन के मद्देनजर बांग्लादेश अपने तटीय इलाकों से लोगों को मंगलवार दोपहर से हटाना शुरू कर देगा। समाचार एजेंसी आइएएनएस के अनुसार बांग्लादेश के आपदा प्रबंधन और राहत सचिव शाह कमल ने कहा कि मंगलवार आधी रात से बुधवार शाम के बीच इस चक्रवात के बांग्लादेश पहुंचने की आशंका है।
भुवनेश्वर मौसम केंद्र के निदेशक एचआर विश्वास ने सोमवार को कहा कि तूफान के प्रभाव से मंगलवार शाम से उत्तरी ओड़िशा के पांच जिलों - केंद्रापाड़ा, जगतसिंहपुर, भद्रक, बालेश्वर और मयूरभंज में भारी बारिश शुरू होगी और तेज हवाएं चलेंगी जो 20 तारीख की सुबह से और तेज हो जाएंगी.
इस बाबत स्काईमेट वेदर के मुख्य मौसम विज्ञानी महेश पलावत के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर के आसमान में छाए हल्के बादल भीषण गर्मी को नहीं रोक पाएंगे। आने वाले दोनों तेज धूप के साथ गर्मी बढ़ेगी और तापमान में लगातार इजाफा होगा। जल्द ही कुछ स्थानों पर लू भी चलने लगेगी। इसकी शुरुआत इस सप्ताह हो जाएगी।
फिलहाल किसी भी पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय नहीं होने से दिल्ली-एनसीआर में भीषण गर्मी पड़ रहा है। तेज धूप और गर्मी ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक मंगलवार को भी आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे, लेकिन उससे न तो गर्मी कम होगी और न ही तापमान में कोई गिरावट आएगी। ऐसे में मंगलवार को अधिकतम तापमान 41 और न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है।
दास ने कहा, ‘‘यह धीरे-धीरे पश्चिमी मिदनापुर, हावड़ा, हुगली, कोलकाता में और रफ्तार पकड़कर 110 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे हो जाएगा तथा आज दोपहर से 20 मई की रात तक उत्तर एवं दक्षिण 24 परगना जिलों के ऊपर 165 से 175 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी।’’ उन्होंने बताया कि इसके प्रभाव से, पश्चिम बंगाल के उत्तर एवं दक्षिण 24 परगना, कोलकाता, पूर्वी एवं पश्चिमी मिदनापुर, हावड़ा और हुगली समेट गंगा वाले तटीय इलाकों के कई स्थानों पर मंगलवार को हल्की से मध्यम बारिश होगी जबकि दूर-दराज के इलाकों में भारी बारिश होने की आशंका है।’’
मौसम वैज्ञानिकों ने कहा कि कई स्थानों पर रेल एवं सड़क मार्ग बाधित हो सकते हैं, बिजली एवं संचार के खंभे उखड़ सकते हैं और सभी प्रकार के ‘कच्चे’ घरों को अत्यंत नुकसान होगा।
मौसम विभाग ने तैयार फसलों, बाग-बगीचों को भारी नुकसान होने की आशंका जताई है। क्षेत्रीय मौसम विभाग के निदेशक जी के दास ने कहा कि पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों एवं आस-पास के इलाकों में मंगलवार दोपहर हवाओं की गति 45 से 55 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है और 65 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से प्रचंड हवा चल सकती है तथा 20 मई की सुबह उत्तर एवं दक्षिण 24 परगना, पूर्वी एवं पश्चिमी मिदनापुर, कोलकाता, हावड़ा और हुगली जिलों में यह धीरे-धीरे तूफानी हवा में तब्दील होकर 75 से 85 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है।
मौसम विभाग ने बताया कि पश्चिम मध्य और उसके बगल में पूर्वी-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर प्रति घंटे 240 से 250 किलोमीटर की रफ्तार वाली तूफानी हवाओं की स्थिति बन रही है। साथ ही बताया कि मंगलवार शाम तक यह गति घटकर 200 से 210 किलोमीटर प्रति घंटे रह जाएगी जिसमें कभी-कभी 230 किलोमीटर प्रति घंटे की प्रचंड हवाएं चल सकती हैं।
मौसम विभाग ने पश्चिम बंगाल के लिए ‘‘आॅरेंज’’ अलर्ट जारी किया है और आगाह किया है कि कोलकाता, हुगली, हावड़ा, दक्षिण और उत्तर 24 परगना और पूर्वी मिदनापुर जिलों में बड़े पैमाने पर नुकसान हो सकता है।
मौसम वैज्ञानिकों ने कहा है कि ‘अम्फान’ 20 मई को बेहद भीषण चक्रवाती तूफान के रूप में पश्चिम बंगाल में दीघा और बांग्लादेश के हटिया द्वीप के बीच पश्चिम बंगाल- बांग्लादेश तटों से गुजर सकता है। तटों से टकराने से पहले इसकी प्रचंडता कुछ कम होगी और हवाओं की गति निरंतर 155 से 165 किलोमीटर प्रति घंटे बनी रहेगी जो बीच-बीच में प्रति घंटे 180 किलोमीटर की रफ्तार पकड़ सकती है।
पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में प्रचंड चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ के मंगलवार दोपहर तक ‘अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान’ के रूप में कमजोर पड़ने का अनुमान है। मौसम विभाग ने कहा कि पश्चिम बंगाल के दक्षिण-दक्षिणपश्चिम दीघा से 670 किलोमीटर दूर स्थित यह तूफान उत्तरपश्चिम बंगाल की खाड़ी के पास उत्तर-उत्तरपूर्व दिशा की तरफ बढ़ेगा और आज दोपहर या बुधवार शाम में ‘अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान’ का रूप लेकर पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश के तटों से टकराएगा।
एनडीआरएफ प्रमुख ने कहा कि बल ने ओडिशा और बंगाल में कुल 53 टीमें तैनात की है, इनमें से कुछ को स्टैंडबाई (तैयार) पर भी रखा गया है। उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल में 19 टीमें तैनात हैं जबकि चार स्टैंडबाई पर हैं, वहीं ओडिशा में 13 टीमें तैनात हैं और 17 स्टैंडबाई पर हैं। एनडीआरएफ की एक टीम में करीब 45 कर्मी होने हैं। महानिदेशक ने बताया कि देश में विभिन्न स्थानों पर एनडीआरएफ की छह बटालियन को ‘हॉट स्टैंडबाई’ (पूरी तरह से तैयार) पर रखा गया है, ताकि जरुरत पड़ने पर उन्हें मदद के लिए बुलाया जा सके। इन सभी बटालियन को जरुरत पड़ने पर भारतीय वायुसेना हवाई मार्ग से एक जगह से दूसरे जगह पहुंचाएगी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार इस चक्रवात को बहुत गंभीरता से ले रही है।
प्रचंड चक्रवातीय तूफान ‘अम्फान’ के 20 मई को पश्चिम बंगाल के दीघा और बांग्लादेश के हटिया द्वीप के बीच तट पर पहुंचने का अनुमान है और इस गंभीर घटनाक्रम को ध्यान में रखते हुए एनडीआरएफ ने जानमाल की हानि/क्षति रोकने के लक्ष्य से बल की 53 टीमें तैनात की हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक एस.एन. प्रधान ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में उक्त सूचना देते हुए कहा कि एनडीआरएफ ‘अम्फान’ को हल्के में नहीं ले रहा है क्योंकि ऐसा दूसरी बार हुआ है जब भारत बंगाल की खाड़ी में आये प्रचंड चक्रवातीय तूफान का सामना कर रहा है। संवाददाता सम्मेलन में भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक एम. महापात्र भी उपस्थित थे। प्रधान ने कहा कि यह बेहद ‘‘महत्वपूर्ण घटनाक्रम’’ है क्योंकि 1999 में ओडिशा तट पर आए प्रचंड चक्रवातीय तूफान के बाद यह उस श्रेणी का दूसरा तूफान है।
भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक बंगाल की दक्षिण-पूर्वी खाड़ी और पड़ोसी क्षेत्रों से उठा चक्रवाती तूफान अम्फान अगले 12 घंटे में खतरनाक रूप ले सकता है। दक्षिण पूर्वी बंगाल की खाड़ी में करीब 1000 किलोमीटर की दूरी पर अगले 12 घंटे में चक्रवाती तूफान में तेजी से वृद्धि हो सकती है।
भुवनेश्वर में मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक एच आर बिश्वास के अनुसार इसके बाद यह तूफान मुड़कर उत्तर-उत्तर पूर्व की ओर बढ़ सकता है तथा उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी में रफ्तार पकड़ते हुए 20 मई की दोपहर और शाम के बीच में पश्चिम बंगाल में सागर द्वीपसमूह और बांग्लादेश के हतिया द्वीपसमूह के बीच पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश तटीय क्षेत्रों से गुजर सकता है।
प्रचंड चक्रवातीय तूफान ‘अम्फान’ के 20 मई को पश्चिम बंगाल के दीघा और बांग्लादेश के हटिया द्वीप के बीच तट पर पहुंचने का अनुमान है और इस गंभीर घटनाक्रम को ध्यान में रखते हुए एनडीआरएफ ने जानमाल की हानि/क्षति रोकने के लक्ष्य से बल की 53 टीमें तैनात की हैं। कहा कि बल ने ओडिशा और बंगाल में कुल 53 टीमें तैनात की है, इनमें से कुछ को स्टैंडबाई (तैयार) पर भी रखा गया है। उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल में 19 टीमें तैनात हैं जबकि चार स्टैंडबाई पर हैं, वहीं ओडिशा में 13 टीमें तैनात हैं और 17 स्टैंडबाई पर हैं।
एनडीआरएफ की एक टीम में करीब 45 कर्मी होने हैं।महानिदेशक ने
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक एसएन प्रधान प्रधान ने बताया कि देश में विभिन्न स्थानों पर एनडीआरएफ की छह बटालियन को ‘हॉट स्टैंडबाई’ (पूरी तरह से तैयार) पर रखा गया है, ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें मदद के लिए बुलाया जा सके। इन सभी बटालियन को जरुरत पड़ने पर भारतीय वायुसेना हवाई मार्ग से एक जगह से दूसरे जगह पहुंचाएगी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार इस चक्रवात को बहुत गंभीरता से ले रही है। प्रधान ने कहा कि यह शायद पहला मौका है जब राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति की तीनों बड़ी इकाइयों की एक साथ ऐसी कोई बैठक हुई है जिसकी अध्यक्षता कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने की और उसकी समीक्षा गृह मंत्री अमित शाह, एनडीएमए के अध्यक्ष और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बारी-बारी से की।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के महानिदेशक एसएन प्रधान प्रधान ने बताया कि आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार तूफान से कच्चे मकान, मकानों की कच्ची छतों, नारियल के पेड़ों, टेलीफोन और बिजली के खंभों को गंभीर क्षति पहुंच सकती है। उन्होंने कहा कि इससे जानमाल की क्षति होने की भी आशंका है इसलिए हमारी तैयारी उसी के अनुरूप होनी चाहिए और राज्य सरकारों को भी यही कहा गया है।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के महानिदेशक एसएन प्रधान ने बताया कि चक्रवातीय तूफान ‘अम्फान’ के 20 मई को पश्चिम बंगाल के दीघा और बांग्लादेश के हटिया द्वीप के बीच तट से टकराने का अनुमान है। एनडीआरएफ प्रमुख ने कहा कि यह तूफान सागरद्वीप और काकद्वीप के बीच भी तट से टकरा सकता है। गौरतलब है कि ये दोनों आबादी वाले क्षेत्र हैं।
उन्होंने बताया कि ‘अम्फान’ के तट से टकराने के दौरान हवा की गति 195 से 200 किलोमीटर प्रति घंटा रहने का अनुमान है और यह आबादी वाले इलाके को प्रभावित करेगा।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक एस.एन. प्रधान ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में उक्त सूचना देते हुए कहा कि एनडीआरएफ ‘अम्फान’ को हल्के में नहीं ले रहा है क्योंकि ऐसा दूसरी बार हुआ है जब भारत बंगाल की खाड़ी में आये प्रचंड चक्रवातीय तूफान का सामना कर रहा है।
संवाददाता सम्मेलन में भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक एम. महापात्र भी उपस्थित थे।
प्रधान ने कहा कि यह बेहद ‘‘महत्वपूर्ण घटनाक्रम’’ है क्योंकि 1999 में ओडिशा तट पर आए प्रचंड चक्रवातीय तूफान के बाद यह उस श्रेणी का दूसरा तूफान है।
प्रचंड चक्रवातीय तूफान ‘अम्फान’ के बांग्लादेश के दक्षिणी तट की ओर बढ़ने के बीच यहां की सरकार ने सोमवार को करीब 20 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का आदेश दिया। आपदा प्रबंधन मंत्रालय के सचिव शाह कमाल ने कहा कि दक्षिण-पश्चिमी अति प्रभावित 19 जिलों के प्रशासन को लोगों की जान बचाने के लिए सभी तैयारियां करने को कहा गया है।
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने अधिकारियों को लोगों को संवेदनशील इलाकों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की योजना बनाने का निर्देश दिया है। साथ ही सड़क मार्ग, पेयजल आपूर्ति, बिजली आपूर्ति और अस्पतालों के ढांचे एवं वहां बिजली-पानी की आपूर्ति को जल्द बहाल करने की भी तैयारी करने को कहा है। चक्रवात ‘अम्फान’ से एक साल पहले पिछले साल तीन मई को ओडिशा में तूफान फणी ने कहर बरपाया था और 64 लोगों की जान लेने के साथ ही बिजली,दूरसंचार, पानी एवं अन्य महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों की अवसंरचना को तबाह कर दिया था।
ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त पी के जेना ने कहा कि गंजाम, गजपति, पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक, बालासोर, मयूरभंज, जाजपुर, कटक, खुर्दा और नयागढ़ के जिलाधिकारियों से जरूरत पड़ने पर संवेदनशील इलाकों से लोगों को निकालने के लिए तैयार रहने को कहा है। उन्होंने कहा कि 11 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए तैयारियां कर ली गई हैं लेकिन लोगों को किन स्थानों से निकालना है यह फैसला सही समय पर किया जाएगा।
चक्रवात अम्फान को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की तरफ से की गयी तैयारी, लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की व्यवस्था की समीक्षा की है। समीक्षा के दौरान प्रधानमंत्री को बताया गया कि चक्रवात अम्फान के लिए एनडीआरएफ की 25 टीम तैनात है , 12 अन्य को तैयार रखा गया है।
मौसम वैज्ञानिकों ने कहा है कि तेज हवाओं के कारण बिजली एवं संचार के खंभे मुड़ या उखड़ सकते हैं, रेलवे सेवाओं को कुछ हद तक बाधित कर सकते हैं और ऊपर से गुजरने वाले बिजली के तार एवं सिग्नल प्रणालियां प्रभावित हो सकती हैं तथा तैयार फसलों, खेतों-बगीचों को बड़े पैमाने पर नुकसान हो सकता है। तटीय ओडिशा में 18 मई की शाम से कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है जबकि गजपति, गंजाम, पुरी, जगतसिंहपुर और केंद्रपाड़ा जैसे ओडिशा के तटीय जिलों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।
कोविड-19 और चक्रवात ‘अम्फान’ की ‘‘दोहरी चुनौतियों’’ का सामना करने के लिए एनडीआरएफ ने अपनी टीम की संख्या 20 और बढ़ाकर 37 कर ली है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के निदेशक एस. एन. प्रधान ने कहा कि बल सभी उपकरणों और सामान के साथ उत्पन्न हो रही स्थिति का सामना करने को तैयार है, जिसके लिए मौसम विज्ञान विभाग का कहना है कि ‘‘आज शाम तक चक्रवात प्रचंड तूफान का रूप ले सकता है और कुछ समय तक ऐसा ही रहेगा’’। प्रधान ने एक वीडियो संदेश में कहा ‘‘ पश्चिम बंगाल और ओडिशा में एनडीआरएफ ने कुल 37 टीमों को तैनात किया गया है, जिसमें से 20 काम में जुट गए हैं और अन्य 17 पूरी तरह तैयार हैं।’’ एनडीआरएफ ने रविवार को इस अभियान के लिए 17 टीमों को निर्धारित किया था। एक टीम में करीब 45 कर्मी होते हैं। डीजी ने कहा कि इन्हें पश्चिम बंगाल के सात और ओडिशा के छह जिलों में तैनात किया गया है। प्रधान ने कहा, ‘‘ चक्रवात ‘अम्फान’ के कोविड-19 संकट के दौरान आने से चुनौती दोहरी हो गई है। इसलिये हम दोहरी चुनौती का सामना कर रहे हैं।’’
ओडिशा सरकार के विशेष राहत संगठन द्वारा क्योंझर जिले झूमपुरा, क्योंझर, पटना, सहोनपाड़ा और चंपुआ ब्लॉक और मयूरभंज जिले के सुकरौली, रारुआन और करजिया ब्लॉक में गरज के साथ-साथ आंधी-तूफान की चेतावनी जारी की गई है।
आईएमडी भुवनेश्वर के वैज्ञानिक उमाशंकर दास ने कहा, ' उत्तर ओडिशा तट 'एम्फन' के अधिकतम प्रभाव का सामना करेगा, जब यह जमीन से टकराएगा। हवा की गति 110-120 किमी प्रति घंटा से 130 किमी प्रति घंटे तक होने की उम्मीद है। बालासोर, भद्रक, जाजपुर, मयूरभंज जिला 20 मई को प्रभावित हो सकता है (जब तूफान जमीन से टकराएगा)।' इससे व्यापक क्षति का अंदेशा है। तूफान के जमीन की ओर बढ़ेने के साथ समुद्र अशांत होने लगेगा। इसके मद्देनजर प्रशासन ने समुद्री इलाकों में रहने वाले लोगों को हटाकर सुरक्षित जगहों पर ले जाने का काम शुरू कर दिया है। मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सख्त हिदायत दी गई है।
ओडिशा स्पेशल कमिश्नर पी.के. जेना ने कहा हमें कल ओडिशा तटों पर भारी बारिश होने की उम्मीद है। 20 मई को ओडिशा के उत्तरी जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है साथ ही भद्रक, केंद्रपाड़ा और जगतसिंहपुर के कुछ हिस्सों में हवा की रफ्तार110 किमी प्रति घंटा तक पहुँच सकती है।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के महानिदेशक एसएन प्रधान ने जानकारी दी कि ओडिशा (7 जिले) और पश्चिम बंगाल (6 जिले) में, कुल 37 टीमों को तैनात किया गया है, जिनमें से 20 टीमें दिन के अंत तक सक्रिय रूप से तैनात हो जाएंगी और 17 टीमें स्टैंडबाय पर हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआई ने आइएमडी के हवाले से जानकारी दी है कि यह तूफान अगले 12 घंटे में सुपर साइक्लोन में बदल सकता है। ऐसे में आने वाला समय ओड़िशा और पश्चिम बंगाल के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होने वाला है। ओडिशा इस चक्रवात से बुरी तरह से प्रभावित होने वाला है। राज्य सरकार ने 11 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए तैयारी कर ली है।
ओडिशा स्पेशल रिलीफ कमिश्नर पीके डीना का कहन है कि चक्रवात अम्फान आज शाम और कल सुबह के बीच सुपर चक्रवात में बदल सकता है, जिसका अर्थ है कि समुद्र में लगभग 230 किमी प्रति घंटे की गति से हवाएँ चलेंगी। यह दीघा और हाथिया द्वीप के बीच बहुत गंभीर चक्रवात के रूप में 20 मई को भूस्खलन करेगा।