जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत से पूरे देश में आक्रोश है। देश दुनिया के तमाम बड़े नेताओं ने इस हमले की निंदा की है। इस बीच जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने पहलगाम आतंकी हमले पर कहा कि हम पाकिस्तान की इस गलतफहमी को दूर करना चाहते हैं कि इन हरकतों से हम पाकिस्तान चले जाएंगे। हम जब 1947 में उनके साथ नहीं गए तो फिर आज क्यों जाएंगे?
अब्दुल्ला ने कहा कि हम दो राष्ट्र सिद्धांत आज भी मानने को तैयार नहीं है। हम इससे कमजोर नहीं बल्कि मजबूत हो रहे हैं। मैं पहले हमेशा चाहता था कि बातचीत हो मगर हम उन पीड़ितों के परिवारों से क्या कहेंगे कि हम बातचीत कर रहे हैं? क्या बातचीत करना इंसाफ है?
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कश्मीरियों ने 1947 में द्वि-राष्ट्र सिद्धांत को पानी में फेंक दिया था और कहा था कि उनका क्षेत्र पाकिस्तान के साथ नहीं जाएगा। आज हम भी दो राष्ट्र के सिद्धांत को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, हम सब एक हैं। हम उन्हें मुंहतोड़ जवाब देंगे। फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “हमें अफसोस है कि हमारा पड़ोसी आज भी यह नहीं समझ पा रहा है कि उसने मानवता की हत्या की है।
जनरल मुनीर ने कहा था कि पाकिस्तान भारतीय कब्जे के खिलाफ संघर्ष में कश्मीरी लोगों के साथ खड़ा रहेगा
पहलगाम हमला पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर द्वारा दो-राष्ट्र सिद्धांत को उठाए जाने के कुछ ही दिनों बाद हुआ था।16 अप्रैल को इस्लामाबाद में प्रवासी पाकिस्तानियों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए जनरल मुनीर ने कहा था कि पाकिस्तान भारतीय कब्जे के खिलाफ संघर्ष में कश्मीरी लोगों के साथ खड़ा रहेगा। उन्होंने कहा था, “यह हमारी गले की नस थी, यह हमारी गले की नस है, हम इसे नहीं भूलेंगे।” पढ़ें- सिंधु जल संधि रद्द करने को किसान नेता टिकैत ने बताया गलत फैसला