West Bengal News: बांग्लादेश से वापस भारत लाई गई महिला सुनाली खातून शनिवार को अपने माता-पिता के घर गईं और बीरभूम जिले के पैकर गांव में अपनी पांच साल की बेटी और माता-पिता से मिलीं। हालांकि, बीमार पड़ने पर उन्हें रामपुरहाट मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

शुक्रवार को मेहदीपुर बॉर्डर आउटपोस्ट से इंडियन बॉर्डर में एंट्री करने के बाद, सुनाली खातून को मालदा में 24 घंटे तक मेडिकल ऑब्जर्वेशन में रखा गया था। उन्हें मालदा से एंबुलेंस से घर लाया गया। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में सरकार को सुनाली की सुरक्षित स्वदेश वापसी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था। उनके पति दानिश शेख, स्वीटी बीबी और उनके दो बच्चे, अभी भी बांग्लादेश में ही हैं, क्योंकि केंद्र ने उनकी भारतीय नागरिकता को चुनौती दी है। हालांकि, सरकार मानवीय आधार पर सुनाली को वापस लाने पर सहमत हो गई थी।

मैं अब दिल्ली नहीं जाऊंगी- सुनाली खातून

सुनाली खातून ने अपने घर पर मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, “मुझे और मेरे बेटे को वापस लाने के लिए मैं सभी की आभारी हूं। लेकिन मैं अब दिल्ली नहीं जाऊंगी। वहीं दिल्ली पुलिस ने हमें उठा लिया था, अवैध बताकर बांग्लादेश भेज दिया था। हमने पुलिस से विनती की कि हम भारतीय हैं और बंगाल के निवासी हैं। उन्होंने हमारी एक न सुनी। सौभाग्य से, बांग्लादेश में पुलिस और जेल अधिकारियों ने मेरे साथ अच्छा व्यवहार किया।”

ये भी पढे़ं: बेटे संग बांग्लादेश से भारत लौटी आठ महीने की गर्भवती सुनाली खातून

सुनाली के पिता ने जताई खुशी

सुनाली के पिता भोदू शेख ने कहा, “उसे वापस लाने के लिए हम सभी के प्रति खुश और आभारी हैं। समीरुल इस्लाम ने हमारी बहुत मदद की। हम दुआ करते हैं कि वह यहां एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे। हम चाहते हैं कि बाकी बच्चों को भी वापस लाया जाए।” बता दें कि सुनाली, उनके पति और उनके बच्चे दिल्ली में रहते थे, उन्हें 26 जून को बांग्लादेश में भेज दिया गया। सुनाली ने कहा, “चूंकि मेरे पति और अन्य लोग अभी भी बांग्लादेश में हैं, इसलिए मैं सभी से उन्हें वापस लाने की अपील करती हूं।”

: बांग्लादेश से घर लौटने की उम्मीद जगने पर बोलीं सुनाली खातून