देशद्रोह के आरोप में 16 मार्च तक की न्यायिक हिरासत में भेजे गये एसएआर गिलानी के भाई ने जेएनयू से समर्थन की अपील की है। एसएआर गिलानी के भाई बिस्मिल्लाह ने कहा है कि, ” अफजल गुरू की फांसी के खिलाफ बोलने पर जेएनयू के छात्रों को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार करने का हमने विरोध किया है लेकिन क्या जेएनयू एएसआर गिलानी के साथ खड़ा है। जो इसी आरोप में गिरफ्तार किए गये हैं।” गिलानी को 14 फरवरी को कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी के तीन दिन बाद गिरफ्तार किया गया था। जेएनयू के छह छात्र विश्वविद्यालय में देश विरोधी गतिविधियों के चलते गिरफ्तार किये गये हैं तो वहीं गिलानी को प्रेस क्लब में अफजल गुरू की फांसी को लेकर आयोजित किये गये विवादित कार्यक्रम के सिलसिले में गिरफ्तार किये गया।

गिलानी के परिवार को लगता है कि जिस तरह जेएनयू कन्हैया के समर्थन में खड़ा हुआ है वैसा समर्थन गिलानी को नहीं मिल रहा है। बिस्मिल्लहा ने कहा कि, ” दोनों ( कन्हैया और एसएआर गिलानी) पर एक जैसे आरोप हैं। पुलिस ने कहा था कि उनके पास कन्हैया के खिलाफ सबूत हैं लेकिन वो अभी तक कुछ साबित नहीं कर पाए। ऐसे ही गिलानी के खिलाफ भी कोई सबूत नहीं है लेकिन लोग उनकी गिरफ्तारी को लेकर खामोश क्यो हैं। कन्हैया के समर्थन में बड़ा आंदोलन किया गया और उसके बाद सारा ध्यान उमर और अनिर्बान पर चला गया है कोई गिलानी के बारे में बात तक नहीं कर रहा है।”

गिलानी अरेबिक भाषा के शिक्षक हैं और दिल्ली विश्वविद्यालय के जाकिर हुसैन कॉलेज में पढ़ाते हैं। इससे पहले पुलिस उन्हे 2001 में संसद हमले में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार कर चुकी है लेकिन कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था। बिस्मिल्लाह ने कहा कि, ” मेरा भाई दिल्ली विश्वविद्यालय में कई सालों से पढ़ा रहा है। लेकिन अब तक विश्वविद्यालय से कोई भी उनका हालचाल तक जानने नहीं आया। पुलिस पहले भी  उन्हें संसद हमले के मास्टरमाइंट के तौर पर पेश कर चुकी है”