नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने एक बार फिर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि हमने कभी भारत के खिलाफ कोई नारा नहीं लगाया, लेकिन इसके बावजूद हमें पाकिस्तानी कहा गया। अब्दुल्ला ने कहा कि उनको खालिस्तानी तक कहा गया।
नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख ने कहा, ”इसी जम्मू में हमें पाकिस्तानी कहा जाता था, मुझे तो यहां तक खालिस्तानी भी कहा गया। कहा जाता था कि फारूक अब्दुल्ला खालिस्तान से मिले हुए हैं। आज भी न जाने क्या-क्या कहा जाता है। ये सोचते हैं कि हम डर जाएंगे, लेकिन हमने वो नमक नहीं खाया है कि हम डर जाएंगे।” उन्होंने कहा, ”हम वो नहीं हैं, हम मुकाबला करेंगे और पूरी ईमानदारी से करेंगे।”
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ”हमने कभी बंदूक नहीं उठाई, कभी ग्रेनेड नहीं उठाया, कभी पत्थर नहीं मारा। हम (महात्मा) गांधी के रास्ते पर चलते हैं और गांधी के ही हिन्दुस्तान को वापस लाना चाहते हैं। हमारा गांधी के भारत के साथ विलय हुआ, गोडसे के भारत के साथ नहीं।”
अब्दुल्ला ने आगे कहा, ”हमने कभी फर्क नहीं किया है कि ये हिंदू है, ये मुसलमान है, और ये सिख है। अगर मैंने नेहरू परिवार में जन्म लिया होता, तो मैं आज ब्राह्मण होता और इंदिरा गांधी मुस्लिम होती, अगर वह मेरे पिता के घर पैदा हुई होतीं।”
इसके पहले, जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के एक दिवसीय सम्मेलन के दौरान संबोधित करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा था कि भाजपा लोगों से झूठ बोलती है। उन्होंने कहा आरोप लगाया था कि भाजपा चुनावों में नफरत और धर्म-जाति के नाम पर वोट मांगती है।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन में 750 किसानों ने अपनी कुर्बानी दी है। उन्होंने कहा था कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने किसानों का समर्थन करते हुए भाजपा को आगामी चुनाव में हार के संकेत दिए थे और पांच राज्यों में अपनी हार होते देख मोदी सरकार ने कृषि कानून को रद्द कर दिया।