Delhi CM Arvind Kejriwal: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने रविवार को ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’  का समर्थन करने के लिए भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि देश को इसके बजाय ‘एक राष्ट्र, एक शिक्षा’ की जरूरत है।

केजरीवाल ने हरियाणा के भिवानी में एक आम सभा में कहा, “भाजपा ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के बारे में बात कर रही है, लेकिन हम ‘एक राष्ट्र, एक शिक्षा’ चाहते हैं, जहां गरीब और अमीर के बच्चों को समान स्तर की शिक्षा मिले।”

क्या बोले अरविंद केजरीवाल? 

सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक राष्ट्र एक चुनाव की बात को भाजपा की ओर से लाया गया नया शिगूफा बताते हुए कहा,”यह भाजपा का नया हथकंडा है, हम एक राष्ट्र, एक चुनाव नहीं चाहते… हमें कोई फर्क नहीं पड़ता कि एक चुनाव हो या 1000 चुनाव।”

यह बात केंद्र द्वारा लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगर पालिकाओं और पंचायतों के एक साथ चुनाव कराने के मुद्दे पर जल्द से जल्द जांच करने और सिफारिशें करने के लिए आठ सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति को अधिसूचित करने के एक दिन बाद आई है।

आम आदमी को क्या मिलेगा?

हरियाणा में एक कार्यक्रम में बोलते हुए केजरीवाल ने इस तरह के कदम के प्रस्ताव पर सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ से आम आदमी को क्या मिलेगा। अरविंद केजरीवाल ने कहा, “सौ या हजार चुनाव कराओ, हमें क्या मिलेगा?” उन्होंने आगे देश में सभी वर्गों के लोगों के लिए समान शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल का सुझाव दिया। केजरीवाल ने कहा, “देश के लिए क्या महत्वपूर्ण है? एक राष्ट्र एक चुनाव या एक राष्ट्र एक शिक्षा एक राष्ट्र एक व्यवहार, एक राष्ट्र एक चुनाव से आम आदमी को क्या मिलेगा?”

इससे पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने केंद्र के कदम की आलोचना की और कहा कि देश भर में एक साथ चुनाव की अवधारणा ‘भारतीय संघ और उसके सभी राज्यों पर हमले’ के बराबर है। “इंडिया, यानी भारत, राज्यों का एक संघ है। ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का विचार संघ और उसके सभी राज्यों पर हमला है।”