Bihar CM Nitish Kumar: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस हफ्ते की शुरुआत में आरजेडी के नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी। यह मुलाकात दो सूचना आयुक्तों की नियुक्ति पर चर्चा करने के लिए हुई थी। इसके बाद अटकलों को हवा मिलने लगी कि वह दोबारा से विपक्षी दलों के साथ में ना चले जाएं। इन सभी अटकलों पर सीएम नीतीश कुमार ने खुद ही विराम लगा दिया। उन्होंने शुक्रवार को भरोसा दिलाया कि वह फिर से आरजेडी के साथ हाथ मिलाने की गलती दोबारा नहीं करेंगे।
इस तरह का वाकया कोई पहली बार घटित नहीं हुआ है। इससे पहले भी उन्होंने एनडीए को भरोसा दिलाया है कि वह कहीं पर नहीं जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव के रिजल्ट के बाद में नीतीश और तेजस्वी के दिल्ली के लिए एक ही फ्लाइट से जाने के वीडियो ने अटकलों को हवा दे दी और उनकी पार्टी को सफाई देने को मजबूर होना पड़ा था। जनवरी में एनडीए में अपनी हालिया वापसी के तुरंत बाद नीतीश ने महागठबंधन में वापस न आने की कसम खाई थी।
नीतीश कुमार के द्वारा भारतीय जनता पार्टी के साथ अपने अलायंस पर फिर से भरोसा दिलाने के लिए विपक्ष को उलझन में रखने की उनकी आजमाई हुई दोहरी राजनीति का हिस्सा है। जब वे महागठबंधन में थे, तो बिहार के मुख्यमंत्री ने बीजेपी के साथ में अपने बातचीत के रास्ते खुले हुए रखे थे। इसी तरह उन्होंने 2017 से 2022 तक एनडीए में रहने के दौरान आरजेडी के साथ में किया था। एनडीए में अपनी वापसी के बाद में वे जातीय जनगणना पर अड़े हुए हैं। इस मुद्दे पर बीजेपी को जेडीयू को समझाने में थोड़ी परेशानी का सामना भी करना पड़ा है।
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दिलीप जायसवाल को बीजेपी ने दी कमान
बीजेपी के सूत्रों ने नीतीश के भरोसे पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि जेडीयू के नेता के एनडीए में वापस आने पर पार्टी को राज्य में अपनी रणनीति में बदलाव करना पड़ा। पार्टी ने दोहराया है कि अगले साल बिहार में विधानसभा चुनाव नीतीश के नेतृत्व में लड़ा जाएगा और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को हटाकर दिलीप जायसवाल को राज्य इकाई का चीफ बनाया है।
हालांकि, चौधरी विधानसभा में बीजेपी के फ्लोर लीडर बने हुए हैं, लेकिन जायसवाल अब विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवार चुनने समेत तमाम फैसले लेंगे। बीजेपी नेता ने कहा कि हमें फिर से अपनी रणनीति पर काम करना होगा, लेकिन नीतीश कुमार राज्य में काफी मजबूत ताकत बने हुए हैं।
प्रशांत किशोर ने बिहार की राजनीति में की एंट्री
जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर के राज्य की राजनीति में एंट्री करने के बाद में बीजेपी के पास जेडीयू को खुश रखने के अलावा कोई और ऑप्शन नहीं बचा है। पार्टी के नेता इस बात को लेकर भी संशय में हैं कि क्या नीतीश कुमार विधानसभा चुनावों से पहले सीट बंटवारे की बातचीत को लेकर आरजेडी की तरफ झुकेंगे या अपनी पार्टी की लंबी उम्र बढ़ाने के लिए एक और यूटर्न लेंगे।
नीतीश कुमार किसी भी गठबंधन के लिए अहम- आरजेडी
आरजेडी के एक नेता ने कहा कि नीतीश कुमार साल 2025 के विधानसभा चुनावों तक किसी भी गठबंधन के लिए बेहद ही अहम साबित होंगे। किशोर के मैदान में उतरने के बाद में नए राजनीतिक समीकरण बन सकते हैं। जेडीयू भी इस बात पर भरोसा कर रही है कि नीतीश अभी राज्य की राजनीति में अन्य नेताओं से कहीं ज्यादा आगे हैं। पार्टी के एक नेता ने कहा कि वे पिछले 20 सालों से बिहार की राजनीति में एक पावर रहे हैं और आगे भी बने रहेंगे।