Wayanad Landslide: वायनाड में हुई भूस्खलन की घटना में बचाव कार्य में लगी भारतीय सेना ने मलबे में से 4 जीवित लोगों को खोज निकाला। इनमें दो पुरुष और दो महिलाएं हैं। ये पदावेट्टी कुन्नू, वायनाड में फंसे हुए थे। सेना ने बचाव कार्य को बेहद सटीक और सावधानी के साथ अंजाम दिया। इसकी वजह से ये लोग सुरक्षित निकल सके। सेना ने घायलों को बाहर निकालने के दौरान रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे दूसरे लोगों के साथ काफी समन्वय के साथ इस काम को किया।

बचाई गई महिला को अस्पताल ले जाया गया

इस पूरे काम को अंजाम देने के लिए सेना ने एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर (ALH) का उपयोग किया। इसके जरिए पूरे ऑपरेशन को तेजी से करने में सफलता मिली और फंसे लोगों को समय पर निकाला जा सका। बचाई गई महिलाओं में से एक के पैर में तकलीफ हो रही थी। सेना के अधिकारियों ने उसे फौरन अस्पताल पहुंचाया।

पैरा रेजिमेंटल ट्रेनिंग सेंटर के कमांडेंट ब्रिगेडियर अर्जुन सेगन कहते हैं, “आज इस बचाव अभियान का चौथा दिन है… कल शाम लगभग 6 बजे तक हमने पुल का काम पूरा कर लिया और वाहनों की आवाजाही को ऊपर की ओर ले जाने में सक्षम हो गए। जिस क्षेत्र में हम अभी खड़े हैं, वह पुंचरीमट्टा है जो भूस्खलन का स्रोत है, इसके आगे, 500 मीटर की दूरी पर बस्तियां हैं और फिर यह एक वन क्षेत्र है… इस क्षेत्र तक पहुंचना मुश्किल था…। हमारे पास अधिक खोजी कुत्तों के रूप में अतिरिक्त ताकत है और अब यहां के स्थानीय लोगों को भी खोज दलों में शामिल किया गया है क्योंकि उनके पास अधिक जानकारी है…।”

वायनाड हादसे के चार दिन बाद भी अब भी लोगों में दहशत है। घर, सड़क, पुल सब कुछ टूटने और बह जाने के साथ ही काफी संख्या में लोगों के लापता होने से उनके अपने परेशान हैं। कई परिवारों का सब कुछ पानी के सैलाब में बह गया। इससे वे अनाथ और बेघर हो गये।