Waqf Bill in Lok Sabha: संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में देश की मोदी सरकार वक्फ संशोधन बिल लाने की तैयारी पूरी कर चुकी है। यह बिल कल 2 अप्रैल को लोकसभा में पेश किया जाएगा। आज मंगलवार को संसद की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में वक्प बिल को संसद में पेश करने को लेकर हरी झंडी मिल गई है।
वक्फ बिल के पेश होने के चलते ही, सत्ताधारी एनडीए गठबंधन का नेतृत्व कर रही बीजेपी ने अपने सभी सांसदों को तीन लाइन का व्हिप जारी किया है। सांसदों से सदन में पूरे वक्त मौजूद रहने को कहा गया है। इसके अलावा बीजेपी ने अपने सहयोगी दलों से भी उनके सभी सांसदों को संसद में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी करने का अनुरोध किया है।
किरेन रिजिजु ने विपक्ष की मांग पर क्या कहा?
दरअसल, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि कल प्रश्न कल के तुरंत बाद लोकसभा में वक्फ बिल को विचार एवं पारित किए जाने के लिए संसद में रखा जाएगा। उन्होंने बताया है कि इस बिल के लिए 8 घंटे की चर्चा तय की गई है। दूसरी ओर विपक्ष की मांग है कि इस बिल को लेकर कम से कम 12 घंटे की चर्चा हो लेकिन इसको लेकर संसदीय कार्यमंत्री का कहना है कि 4 अप्रैल को संसद का सत्र खत्म हो जाएगा और इसके पहले इस बिल को राज्यसभा में भी ले जाकर पारित करना है।
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‘लोकसभा की तरह राज्यसभा के लिए भी अहम है वक्फ बिल’
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री ने कहा के वक्फ बिल का मुद्दा लोकसभा के लिए जितना अहम है. उतनी ही अहमियत उसकी राज्यसभा के लिए भी है। उन्होंने कहा कि अगर दो दिन तक लोकसभा में चर्चा होगी तो राज्यसभा के लिए समय नहीं बचेगा। रिजिजू ने कहा कि हम एक अच्छा बिल लेकर आए हैं। यह संसद के रिकॉर्ड में दर्ज होगा कि किसने इसका समर्थन किया और कौन इसके विरोध में लगा रहा।
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मंत्री बोले- विपक्ष बहाना मत बनाए
किरेन रिजिजू ने कहा, “हम हाथ जोड़कर विनती करते हैं कि बिल पर बोलने के लिए कुछ नहीं है तो बहाना मत बनाइए, खुलकर बोलिए”। उन्होंने कहा कि बिल पर चर्चा के लिए समय बढ़ाया जा सकता है लेकिन बिल को पारित इसी दिन करना होगा। मोदी सरकार के मंत्री ने कहा कि बहुत से मुस्लिम भी इस बिल के समर्थन में हैं। जेपीसी में इतनी चर्चा हो चुकी है, अब बस केवल भ्रम फैलाया जा रहा है।
बता दें कि वक्त बिल को पास करने के लिए मोदी सरकार अलर्ट हैं और बीजेपी ने सांसदों को यह सख्त निर्देश दिए गए हैं कि सदन की कार्यवाही के दौरान वह किसी भी मुद्दे पर जरूर से ज्यादा उत्तेजित न हों, जिसका फायदा उठाकर विपक्षी दलों को हंगामा करने का मौका मिले और संसद की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ जाए।