व्यापमं के माध्यम से एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश पाने वाली कथित लाभार्थी नम्रता डामोर का पोस्टमार्टम करने वाले वरिष्ठ डॉक्टरों और मामले की जांच करने वाले पुलिस अधिकारियों से सीबीआई उनकी विरोधाभासी रिपोर्टों और जांच के संबंध में पूछताछ करेगी।
सीबीआई के सूत्रों ने कहा कि एजेंसी जल्द ही डॉ बी बी पुरोहित को बुलाएगी जिन्होंने डामोर का पहला पोस्टमार्टम किया था। नम्रता का शव उज्जैन में भेरूपुरा में रेल पटरियों पर मिला था। पुरोहित के अनुसार उसकी मौत दम घुटने की वजह से सांस रुकने से हुई जो एक हत्या थी।
एजेंसी अब भोपाल के मेडिको-लीगल संस्थान के निदेशक डी एस बारखुर की दी गयी विरोधाभासी रिपोर्ट पर ध्यान केंद्रित कर रही है। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने पुरोहित के नेतृत्व में तीन डॉक्टरों की समिति द्वारा दी गयी पोस्टमार्टम रिपोर्ट को खारिज कर दिया था।
बारखुर ने कहा कि डामोर ने खुदकुशी की होगी और वह जान देने के लिए पटरियों पर कूदी थी। उससे पहले तक वह जिंदा थी। उनकी रिपोर्ट मौका मुआयना करने के आधार पर और ली गयी तस्वीरों के आधार पर थी। उन्होंने ट्रेन की रफ्तार का भी आकलन किया जहां शव सबसे पहले मिला थ।
बारखुर की रिपोर्ट में पुलिस जांच दल पर भरोसा किया गया जिसने इसे आत्महत्या का मामला बताते हुए बंद कर दिया था। सूत्रों ने बताया कि अब सीबीआई ने दोनों विशेषज्ञों को बुलाकर उनके निष्कर्षों के पीछे के कारणों को जानने का और सीएफएसएल के विशेषज्ञों की मदद से निष्कर्षों का पुन: सत्यापन करने का फैसला किया है।
सूत्रों के अनुसार एजेंसी उस पुलिस दल से भी पूछताछ करेगी जिसने इस मामले को हत्या बताने वाली पोस्टमार्टम रिपोर्ट को नामंजूर कर दिया था।
इस बीच एजेंसी ने व्यापमं घोटाले के सिलसिले में सात और प्राथमिकी दर्ज की हैं