चुनाव आयोग (ECI) ने सोमवार को घोषणा की कि 15 राज्यों से राज्यसभा की 56 सीटों पर 27 फरवरी को वोटिंग होगी। 13 राज्यों के 50 राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल 2 अप्रैल को समाप्त होने जा रहा है। जबकि दो राज्यों के 6 सदस्यों का कार्यकाल 3 अप्रैल को समाप्त होगा।

इन राज्यों से चुने जायेंगे सांसद

जिन राज्यों में राज्यसभा चुनाव होने हैं, उनमें उत्तर प्रदेश की 10 सीटें, महाराष्ट्र और बिहार की 6, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश की 5, गुजरात और कर्नाटक की 4, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान और ओडिशा की 3, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की 1 सीट शामिल हैं।

27 को आयेंगे नतीजे

56 सीटों पर चुनाव की अधिसूचना 8 फरवरी को जारी होगी। उम्मीदवारों को 15 फरवरी तक नॉमिनेशन भरना होगा। नामांकन पत्रों की जांच 16 फरवरी तक होगी। 20 फरवरी तक उम्मीदवार अपना नामांकन वापस ले सकते हैं। 27 फरवरी को सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक वोटिंग होगी। 27 फरवरी को ही शाम 5 बजे वोटों की गिनती भी होगी और उसी दिन नतीजे आ जाएंगे। चुनाव आयोग के अनुसार 29 फरवरी से पहले चुनाव की प्रक्रिया पूरी करवा लेनी है।

राज्यसभा के सदस्य का कार्यकाल छह वर्ष का होता है। राज्यसभा के एक-तिहाई सदस्य हर दो साल में रिटायर होते हैं, जिससे सदन के कामकाज में निरंतरता बनी रहती है। राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा किया जाता है। यानी विधायक इस चुनाव में वोट देते हैं।

मतदान प्रक्रिया कैसी होती है?

मतदान प्रक्रिया में प्रत्येक विधायक का मतपत्र उतना ही जरूरी है जितना चुने जाने वाले उम्मीदवार होते हैं। विधायक उम्मीदवारों के नाम के सामने अपना मतदान करते हैं। यदि कोई उम्मीदवार पहले दौर में वोटों का आवश्यक कोटा हासिल कर लेता है, तो उसे निर्वाचित घोषित कर दिया जाता है। यदि ऐसा नहीं होता है तो सबसे कम वोट पाने वाले उम्मीदवार को हटा दिया जाता है और उनके वोट विधायकों द्वारा बताई गई प्राथमिकताओं के आधार पर बचे उम्मीदवारों को ट्रांसफर कर दिए जाते हैं। यह प्रक्रिया तब तक जारी रहती है जब तक सभी रिक्तियां नहीं भर जातीं।