केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने सोशल मीडिया पर शेर और गधे की एक तस्वीर के साथ एक कहानी शेयर की है। मंत्री ने कहानी के जरिए उन लोगों पर निशाना साधा है जो कि फर्जी खबरें और झूठी जानकारी फैलाते हैं। मंत्री ने ट्विटर पर पोस्ट किया, ‘एक बाघ और गधे की दिलचस्प कहानी। जिसमें गधा दावा करता है कि घास नीली है और बाघ उससे असहमत है। भारत जैसे लोकतंत्र में विचारों की विविधता के लिए स्वस्थ सम्मान है। हालांकि, प्रोपगैंडा और फर्जी खबरों ने सार्वजनिक चर्चा की रूपरेखा को बदल दिया है।’

मंत्री ने फेसुबक पर पूरी कहानी को शेयर किया है। गधे और बाघ की कहानी में गधा बाघ से कहता है कि घास नीली है। बाघ जवाब देते हुए कहता है कि नहीं, घास हरी है। दोनों के बीच बहस हुई, और दोनों ने इस मुद्दे को फैसले के लिए जंगल के राजा शेर के सामने रखने के बारे में सोचा। शेर के सामने गधा चिल्लाने लगा: “महाराज, क्या यह सच है कि घास नीली होती है?”। शेर ने जवाब दिया: “सच है, घास नीली है”।

गधे ने कहा: बाघ मुझसे असहमत है और मेरा विरोध करता है और मुझे परेशान करता है। कृपया उसे दंडित करें”। तब शेर ने कहा: “बाघ को 5 साल के मौन की सजा दी जाएगी”। गधा खुशी से उछल पड़ा और अपने रास्ते पर चला गया और दोहराता रहा: “घास नीली है”…


बाघ ने सजा स्वीकार कर ली, लेकिन उसने शेर से पूछा: “महाराज, आपने मुझे क्यों दंडित किया, आखिर घास हरी है?” शेर ने उत्तर दिया: “वास्तव में, घास हरी है”। बाघ ने पूछा: “तो मुझे सजा क्यों दी?” शेर ने उत्तर दिया: इसका इस सवाल से कोई लेना-देना नहीं है कि घास नीली है या हरी। सजा इसलिए है क्योंकि आप जैसे बहादुर, बुद्धिमान प्राणी के लिए गधे के साथ बहस करने के लिए समय बर्बाद करना संभव नहीं है, और उसके ऊपर आकर मुझे उस प्रश्न से परेशान करना “।

मंत्री ने लिखा,’ समय की सबसे खराब बर्बादी उस मूर्ख और कट्टरपंथी के साथ बहस करना है जो सच्चाई या वास्तविकता की परवाह नहीं करता है, बल्कि केवल अपने विश्वासों और भ्रमों की जीत चाहता है। उन चर्चाओं पर समय बर्बाद न करें जिनका कोई मतलब नहीं है … ऐसे लोग हैं जो उनके सामने प्रस्तुत किए गए सभी सबूतों के लिए समझने की क्षमता नहीं रखते हैं, और अन्य लोग जो अहंकार, घृणा और आक्रोश से अंधे हैं, और केवल एक चीज है कि वे चाहते हैं कि वे सही हों, भले ही वे न हों। जब अज्ञान चिल्लाता है, तो बुद्धि बंद हो जाती है। आपकी शांति अधिक मूल्यवान है। दोस्तों आपको कहानी कैसी लगी?’

इस पर इंडियन लॉजिक्स (@fried_indian_) ने लिखा, ‘सर आप मंत्री रविशंकर प्रसाद और ट्विटर की बात कर रहे हैं। मैं समझ गया।’ मुकुंदन वर्मा ने नेता के फेसबुक पोस्ट पर कमेंट किया, ‘सही है। चुप रहना आपकी समझदारी को दिखाता है।’