ओडिशा में वीके पांडियन ने राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है। लगातार हो रही आलोचना के बीच उनकी तरफ से यह फैसला लिया गया है। असल में बीजेडी को इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी के हाथों को हार का सामना करना पड़ा, कई सालों बाद नवीन पटनायक को अपनी सीएम कुर्सी गंवानी पड़ी। उस हार के लिए बीजेडी के कई नेताओं ने वीके पांडियन को जिम्मेदार बताया। ऐसा इसलिए क्योंकि पार्टी के अंदर उनका हस्तक्षेप काफी ज्यादा बढ़ चुका था।

क्यों विवादों में वीके पांडियन?

अब उस बढ़ते हस्तक्षेप की वजह से हर कोई उन्हें नवीन पटनायक का उत्तराधिकारी मानने लगा था। कहा जाने लगा था कि बिना पांडियन के बीजेडी में कोई फैसला नहीं होता। जानकार मानते हैं कि इस बार बीजेडी को मिली हार का एक कारण यह भी रहा, कार्यकर्ताओं की नाराजगी ने भी प्रचार पर असर डाला और बीजेपी की जीत हो गई। अब उस बढ़ते विवाद के बीच पांडियन ने राजनीति से ही संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है।

वीके पांडियन ने क्या बोला?

वीके पांडियन ने एक वीडियो जारी कर कहा है कि मैंने सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने का फैसला किया है। अगर इस सफर में मैंने किसी को चोट पहुंचाई हो, तो माफी चाहूंगा। अगर मेरे खिलाफ चले प्रचार की वजह से बीजेडी को इस चुनाव में हार मिली है, मैं उसके लिए माफी चाहूंगा। वीडियो में पांडियन ने अपनी राजनीतिक सफर के बारे में विस्तार से बताया है, उन्होंने कहा है कि वे कई सालों से नवीन पटनायक के लिए काम कर रहे हैं, वे काफी ईमानदार नेता हैं।

नवीन पटनायक ने क्या कहा?

वैसे पांडियन ने उस समय राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान किया है जब नवीन पटनायक ने भी साफ कर दिया कि वीके उनके उत्तराधिकारी नहीं है, यह फैसला ओडिशा की जनता को करना है। इसके ऊपर पटनायक ने वीके का बचाव करते हुए दो टूक कहा है कि उन्हें हार के लिए जिम्मेदार बताना पूरी तरह गलत है। उन्होंने पार्टी के लिए काफी मेहनत की है, एक सच्चे ऑफिसर रहे हैं।