केंद्र सरकार ने शनिवार को बताया कि ‘कोविड सीवियरिटी स्कोर’ नामक एक सॉफ्टवेयर बनाया गया है जो ऐसे मरीजों की पहले से पहचान कर सकता है जिन्हें वेंटिलेटर या आपातकालीन सेवा और आईसीयू की जरूरत पड़ सकती है।
इस सॉफ्टवेयर में ऐसा ‘एल्गोरिदम’ है जो कुछ मानकों को मापकर उन मरीजों की पहचान करता है जिन्हें आईसीयू (गहन चिकित्सा कक्ष) में वेंटिलेटर की जरूरत पड़ सकती है। इसकी मदद से समय पर चिकित्सा पहुंचाई जा सकती है और आपातकालीन स्थिति होने से पहले आवश्यक इंतजाम किये जा सकते हैं। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से जारी एक वक्तव्य में कहा गया कि इस सॉफ्टवेयर की सहायता से उन मरीजों को अस्पतालों द्वारा दिए गए ‘रेफरल’ की संख्या घटाने में मदद मिल सकती है जिन्हें गंभीर देखभाल की जरूरत नहीं पड़ सकती।
प्रायः देखा जाता है कि अस्पताल, ऐसे मरीजों को भी दूसरे अस्पतालों में रेफर कर देते हैं जिन्हें आईसीयू या वेंटिलेटर जैसी आवश्यकता नहीं होती। यह सॉफ्टवेयर ऐसे मरीजों की पहचान कर सकता है जिससे अन्य मरीजों को बिस्तर मिल सकते हैं।
वक्तव्य के अनुसार, यह सॉफ्टवेयर प्रत्येक मरीज की स्थिति को पहले से तय मानकों पर परखता है और कोविड की गंभीरता का ‘स्कोर’ (सीएसएस) तय करता है। वक्तव्य में कहा गया, “यह तकनीक कोलकाता और आसपास के क्षेत्रों में तीन सामुदायिक कोविड केयर केंद्रों में प्रयोग में लाई जा रही है। इसमें कोलकाता के बैरकपुर में स्थित 100 बिस्तरों वाला सरकारी कोविड केंद्र शामिल है।”
आईआईटी गुवाहाटी, डॉ केविन धालीवाल, एडिनबर्ग विश्वविद्यालय और डब्ल्यूएचओ में काम कर चुके डॉ सायंतन बंद्योपाध्याय ने संयुक्त रूप से सीएसएस विकिसित किया है।
इस बीच केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शनिवार को कहा कि देश भर के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना रोधी टीकाकरण के प्रति जागरूकता लाने और आशंकाओं-अफवाहों को रोकने के लिए उनके मंत्रालय की ओर से 21 जून से “जान है तो जहान है” अभियान शुरू किया जायेगा।
नकवी ने एक बयान में बताया कि अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय विभिन्न सामाजिक, शैक्षिक संस्थाओं, स्वयं सहायता समूहों, महिला स्वयं सहायता समूहों आदि को साथ लेकर देश के ग्रामीण एवं दूर-दराज के क्षेत्रों में टीकाकरण के प्रति जागरूकता के लिए यह अभियान शुरू कर रहा है। इस अभियान में विभिन्न धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक, मेडिकल, विज्ञान एवं अन्य क्षेत्रों के प्रमुख लोगों के सन्देश, नुक्कड़ नाटक आदि के जरिये सकारात्मक सन्देश दिया जायेगा।