आपने फरिश्तों की ढेरों कहानियां सुनी होंगी। जो कई बार आधी सच होती है या फिर वह वास्तविकता से कोसों दूर होती है। लेकिन हम आपको एक ऐसे फ़रिश्ते की कहानी सुना रहे हैं जिसने सच में एक बच्चे को मौत के मुंह में जाने से बचा लिया। यह फ़रिश्ता मुंबई डिविजन के वांगणी रेलवे स्टेशन पर काम करने वाला एक पाइंट्समैन है। जिसने अपने जान की परवाह किए बिना एक बच्चे की जान बचा ली।

दरअसल 17 अप्रैल को मध्य रेलवे के मुंबई डिविजन के वांगणी रेलवे स्टेशन पर मयूर शेलके पाइंट्समैन के रूप में अपनी ड्यूटी कर रहे थे। तभी एक बच्चा अपनी मां के साथ प्लेटफार्म पर जा रहा था। इसी दौरान एक ट्रेन भी तेज रफ़्तार से उस प्लेटफॉर्म से लगे रेलवे ट्रैक की तरफ आ रही थी। अचानक वह बच्चा अपनी मां के हाथ को छोड़कर रेलवे ट्रैक पर गिर गया। इतने में मयूर शेलके की नजर ट्रैक पर गिरे बच्चे और उसकी तरफ द्रुत गति से आ रही ट्रेन पर पड़ी।

 इसके बाद मयूर शेलके बिना अपने जान की परवाह किए हुए बच्चे की तरफ दौड़े. जिसके बाद जैसे तैसे मयूर ने खुद को और उस बच्चे को प्लेटफार्म पर धकेल दिया। अगर इसमें थोड़ी सी भी देर हो जाती तो बच्चा और रेलकर्मी दोनों अपनी जान गवां बैठते। कहा यह जा रहा है कि सिर्फ 8 सेकंड के अंदर ही मयूर शेलके ने बच्चे को बचा लिया। बच्चे को बचाने का वीडियो सोशल मीडिया पर भी काफी वायरल हो रहा है।

इस घटना के बाद मयूर शेलके सभी की नजरों में हीरो बन गए हैं। सेंट्रल रेलवे के सभी कर्मचारियों ने कार्यालय आने पर मयूर शेलके का ताली बजाकर स्वागत किया। इतना ही नहीं रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी मयूर को फ़ोन कर शाबासी दी और ट्वीट कर उसकी हौसलाअफजाई की। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर कहा कि मुंबई के वंगानी रेलवे स्टेशन के रेलवे कर्मी मयूर शेलके पर मुझे पर गर्व है। उन्होंने बहादुरी दिखाते हुए अपनी जान को जोखिम में डालकर एक बच्चे की जान बचाई है।   

प्राप्त जानकारी के अनुसार बच्चे की मां नेत्रहीन है। शनिवार शाम को करीब 5 बजे बच्चा अपनी मां के साथ प्लेटफार्म पर चल रहा था। चलते-चलते अचानक ही बच्चे का संतुलन बिगड़ गया और वह रेल की पटरी पर जा गिरा। इसी दौरान पॉइंट्समैन मयूर शेलके ने बहादुरी की बच्चे की जान बचा ली. बच्चे की मां संगीता शिरसत ने कहा है कि वो मयूर का जितना भी धन्यवाद करें वह कम होगा। अपनी जान की बाजी लगाकर उन्होंने मेरे बेटे की जान बचाई है। मयूर शेलके को बच्चे की जान बचाने के लिए एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट की ओर से 50 हजार का इनाम दिया गया है।