सावन की पहली सोमवारी के दिन मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने उज्जैन में महाकाल का दर्शन किया। वहीं सोमवार को भारी संख्या में पहुंचे भक्तों के कारण मंदिर में भगदड़ की नौबत आ गयी। लोगों के द्वारा कोविड नियमों का पालन नहीं किया गया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पूरे परिवार के साथ मंदिर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने रुद्राभिषेक भई किया। राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने महाकाल के दरबार में पहुंच कर जलाभिषेक किया। भारती ने लोगों से कोरोना गाइडलाइन के पालन की भी अपील की। हालांकि अत्यधिक भीड़ होने से गेट नम्बर चार पर लगे अवरोधक को प्रतीक्षा में लगे दर्शनर्थियों ने धकेल कर गिरा दिया।
#WATCH | A stampede-like situation was seen at Mahakaleshwar Temple in Ujjain, Madhya Pradesh yesterday pic.twitter.com/yxJxIYkAU5
— ANI (@ANI) July 27, 2021
इससे मंदिर में जाने वाले लोगों में भगदड़ मच गई। हालांकि, घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है। कोविड-19 दिशानिर्देशों के उल्लंघन का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। महाकाल मंदिर समिति के अध्यक्ष और जिलाधिकारी आशीष सिंह ने बताया कि घटना सोमवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे महाकाल मंदिर के गेट नम्बर चार पर हुई।
उन्होंने बताया कि महाकाल भगवान के दर्शन के लिए अत्यधिक भीड़ उमड़ पड़ी थी। अनियंत्रित भीड़ ने वहां लगे अवरोधक को धक्का मार कर गिरा दिया, जिसके कारण भगदड़ मच गई और लोग मंदिर में घुसने लगे। सिंह ने कहा, ‘‘हालांकि, इस घटना में किसी को कोई चोट नहीं लगी या जनहानि नहीं हुई। जल्द ही सुरक्षाकर्मियों ने इस पर काबू पा लिया।’’
उन्होंने कहा कि आज के दिन मंदिर में दर्शन के लिए 5,000 लोगों को पूर्व अनुमति दी गई थी। लेकिन सावन का पहला सोमवार होने के कारण देश भर से लगभग 50-60 हजार की संख्या में श्रद्धालु आ गए, जिनके लिए दर्शन की व्यवस्था शुरू की गई थी।मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से करीब 175 किलोमीटर की दूरी पर उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर, भगवान शिव के देश में मौजूद 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक है।