उत्तर प्रदेश में ब्लॉक प्रमुख के चुनाव के दौरान कई जगह से हिंसा की खबरें सामने आई हैं। कुलमिलाकर एक दर्जन से ज्यादा जगहों से हिंसा की घटनाएं रिपोर्ट की गईं हैं। ऐसी ही एक खबर एटा से आई है। जहां ब्लॉक प्रमुख के चुनाव के दौरान जमकर उपद्रव हुआ। लोगों ने पत्थरबाजी की। घटना में एक पत्रकार के घायल होने की जानकारी भी सामने आई है। पुलिस ने बताया कि जांच की जा रही है और एफआईआर दर्ज की गई है।
दरअसल विवाद इस बात को लेकर हुआ कि समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि बीजेपी के लोग उनके प्रत्याशी को नामांकन नहीं भरने दे रहे हैं। मामले ने जल्द तूल पकड़ लिया और पत्थरबाजी शुरू हो गई। बाद में पुलिस को दखल देना पड़ा। हालांकि पुलिस ने स्थिति संभाल ली लेकिन पत्थराव के बीच एक पत्रकार घायल हो गया। घायल पत्रकार ने थाने में तहरीर दी। जिसमें विधायक का नाम भी दिया गया लेकिन जानकारी सामने आई है कि पुलिस ने जब एफआईआर लिखी तो उसमें विधायक का नाम नहीं था। बाद में पुलिस और दूसरे बड़े अधिकारी मौके पर पहुंचे और माहौल शांत किया और सभी पक्षों का समझाया।
वहीं, लखीमपुर खीरी में समाजवादी पार्टी की कार्यकर्ता की साड़ी खींचे जाने के मामले में 6 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। घटना ब्लॉक प्रमुख चुनाव के लिए नामांकन भरने की है। जिस दौरान महिला के साथ अशोभनीय व्यवहार किया गया। इस घटना को लेकर विपक्षी दलों ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला।
शुक्रवार को जारी एक बयान में सपा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने क्षेत्र पंचायत चुनाव को लोकतंत्र के इतिहास का काला अध्याय बताते हुए कहा, ”भाजपा सरकार में महिलाओं का सम्मान सुरक्षित नहीं है। ब्लॉक प्रमुख चुनाव में आधी आबादी के साथ भाजपाइयों का बर्ताव घिनौना और निंदनीय है।”
सिद्धार्थनगर, बहराइच और कुशीनगर समेत कई जिलों में सपा उम्मीदवारों के साथ अराजकता और अभद्रता का आरोप लगाते हुए सपा प्रमुख ने कहा, ”उत्तर प्रदेश के प्रत्येक नामांकन केन्द्र में पहले से भाजपा के दर्जनों दबंग उपस्थित होकर निष्पक्ष चुनाव को खुली चुनौती दे रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ” उप्र में संविधान और लोकतंत्र को कमजोर करने वाली भाजपा को जनता सबक सिखाने के लिए तैयार है। सरकारी मशीनरी और गुंडागर्दी के बलबूते जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख पदों पर जबरन कब्जा करना भाजपा को भारी पड़ेगा। उत्तर प्रदेश की जनता भाजपा को कभी माफ नहीं करेगी।”
वहीं, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने शुक्रवार को सत्तारूढ़ भाजपा पर जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत के चुनाव में धनबल और सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि हिंसक घटनाओं ने सपा शासन की याद ताजा करा दी है।
पिता की शवयात्रा से एक बीडीसी सदस्य को अगवा करने की घटना अपने आप में बहुत ही शर्मनाक व मन को व्यथित करने वाली है,
भाजपाई जंगलराज का तांडव इस कदर बढ़ चुका है कि मानवता जैसे शब्द अब कोई मायने नहीं रखते!
#नहीं_चाहिए_भाजपा pic.twitter.com/OcuLBpG3eP— Manish Jagan Agrawal (मनीष जगन अग्रवाल) (@manishjagan) July 9, 2021
वहीं, समाजवादी पार्टी नेता मनीष जगन अग्रवाल का कहना है कि पिता की शवयात्रा से एक बीडीसी सदस्य को अगवा करने की घटना पेश आई है। नेता ने कहा कि यह अपने आप में बहुत ही शर्मनाक व मन को व्यथित करने वाली घटना है। भाजपाई जंगलराज का तांडव इस कदर बढ़ चुका है कि मानवता जैसे शब्द अब कोई मायने नहीं रखते।