कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि उप राष्ट्रपति चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भले ही आंकड़ों के लिहाज से जीत गई है, लेकिन वास्तव में उसकी नैतिक और राजनीतिक दोनों हार हुई है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने उप राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद यह भी कहा कि विपक्ष एकजुट रहा और उसका प्रदर्शन सम्मानजनक था।

जयराम रमेश ने X पर पोस्ट किया, “उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष एकजुट रहा। इसका प्रदर्शन निस्संदेह अत्यंत सम्मानजनक रहा है। इसके संयुक्त उम्मीदवार न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बी. सुदर्शन रेड्डी को 40 प्रतिशत वोट मिले। 2022 के उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष को 26 प्रतिशत वोट मिले थे।”

उन्होंने दावा किया कि भाजपा की आंकड़ों में जीत हुई है, लेकिन वास्तव में नैतिक और राजनीतिक दोनों तरह से यह उसकी हार है। रमेश ने कहा, “वैचारिक लड़ाई अब भी जारी है।” इससे पहले, रमेश ने X पर एक अन्य पोस्ट में कहा था, “उप राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान संपन्न हो गया। विपक्ष एकजुट खड़ा रहा। हमारे सभी 315 सांसदों ने मतदान किया।”

क्या रहा उपराष्ट्रपति चुनाव परिणाम?

एनडीए के उपराष्ट्रपति पद उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को प्रथम वरीयता के 452 तथा विपक्ष के प्रत्याशी बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट हासिल हुए। इस मतदान में निर्वाचक मंडल के कुल 781 सदस्यों में से 767 (एक डाक मतपत्र समेत) ने मतदान किया था, जिसमें 15 वोट अवैध करार दिए गए। मतदान मंगलवार सुबह 10 बजे शुरू होकर शाम 5 बजे समाप्त हुआ।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत 760 से अधिक सांसदों ने मतदान किया। लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य इस चुनाव में हिस्सा लेते हैं तथा इसमें व्हिप जारी नहीं होता है।

कौन हैं नए उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन?

सीपी राधाकृष्णन (77 वर्ष) देश के नए उपराष्ट्रपति निर्वाचित हुए हैं। उन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को 152 मतों के भारी अंतर से पराजित किया। अब तक महाराष्ट्र के राज्यपाल की भूमिका रहे 67 वर्षीय राधाकृष्णन किशोरावस्था में ही आरएसएस और जनसंघ से जुड़ गए थे। वह 1990 के दशक के अंत में कोयंबटूर से दो बार लोकसभा चुनाव जीते और उनके समर्थक उन्हें ‘तमिलनाडु का मोदी’ कहते हैं। राधाकृष्णन ने 1998 और 1999 में कोयंबटूर लोकसभा सीट से दो बार चुनाव जीता, हालांकि इसके बाद उन्हें इस सीट से लगातार तीन बार हार का सामना करना पड़ा।

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