अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण को लेकर सरगर्मी बढ़ती दिख रही है। राजस्थान से रविवार को पत्थर अयोध्या पहुंचे। इन पत्थरों की राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास ने पूजा की। बताया जा रहा है कि पत्थरों को बाहर से मंगाए जाने को लेकर प्रशासन से इजाजत नहीं ली गई है। अयोध्या में शिलाएं मंगाए जाने से प्रशासन में हड़कंप मच गया है। उत्तर प्रदेश के प्रिंसिपल सेक्रेटरी (गृह) देवाशीष पांडा ने कहा है कि सरकार अयोध्या में पत्थर लाने की इजाजत नहीं दे सकती है। यह मामला कोर्ट में चल रहा है, इसलिए इस मामले में नई परंपराओं की छूट नहीं दी जा सकती है। वहीं, फैजाबाद के एसएसपी मोहित गुप्ता ने कहा कि पुलिस इस पूरे घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रही है। अयोध्या में पत्थर लाए गए हैं, जिन्हें एक स्थान पर रखा गया है। अगर इस वजह से सांप्रदायिक सद्भाव को जरा भी खतरा पैदा हुआ, पुलिस एक्शन लेगी।
रविवार को शिला पूजन के बाद महंत नृत्य गोपालदास ने कहा कि भगवान की कृपा से राम मंदिर निर्माण का वक्त आ गया है। जिन शिलाओं की पूजा हो चुकी है, उनसे मंदिर निर्माण होगा। केंद्र में मोदी की सरकार है और उन्हें पूरी उम्मीद है कि जल्दी ही राम मंदिर निर्माण शुरू होगा। महंत गोपालदास ने यह भी कहा कि अभी तक राम मंदिर के लिए कानून बनाने के लिए राज्यसभा में बहुमत का इंतजार था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि पर मंदिर बनाने की देशभर में भव्य तैयारी चल रही है और जल्दी ही मंदिर बनाएंगे।
पूजन के बाद शिलाओं को रामसेवक पुरम में रखा जा रहा है। यहीं से इन शिलाओं को निर्माण स्थल पर भेजा जाने की बात कही जा रही है। जून में मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों को दान दिए जाने की घोषणा की गई थी।
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