अरुणाचल प्रदेश के राजनीतिक घटनाक्रम पर लोकसभा में हंगामा कर रहे विपक्षी कांग्रेसी सदस्यों को कड़ा संदेश देते हुए संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने गुरुवार को कहा कि हर मामले में प्रधानमंत्री का नाम घसीटना और राजग सरकार पर आरोप लगाने के विपक्ष के व्यवहार को सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी। नायडू की बात से असंतोष जताते हुए विपक्षी कांग्रेसी सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया। संसदीय कार्य मंत्री नायडू ने सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा यह मामला उठाए जाने पर कहा कि केंद्र सरकार का इससे कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्ष की यह आदत हो गयी है कि वह हर मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा केंद्र सरकार पर आरोप लगाता है। उन्होंने कहा, ‘‘इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।’’
नायडू ने कहा, ‘‘अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल ने अपने अधिकारों के तहत कदम उठाया है और वह घटनाक्रम को लेकर समय समय पर राष्ट्रपति को सूचित करते रहे हैं। वहां विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया तो स्पीकर ने आश्चर्यजनक तरीके से कांग्रेस के 14 सदस्यों को अयोग्य घोषित कर दिया।।’’
उन्होंने घटनाक्रम का ब्यौरा देते हुए कहा कि इसके बाद मुख्यमंत्री की अगुवाई में राज्यपाल से मिलने गए कांग्रेस सदस्यों ने राज्यपाल से न केवल बदसलूकी की बल्कि उनके साथ असभ्य भाषा का इस्तेमाल किया और उन्हें धमकी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आश्चर्यजनक चीजें हो रही हैं। थोक के भाव दल बदल हो रहा है और यह लोकतंत्र को शोभा नहीं देता।
नायडू ने साथ ही कहा, ‘‘केंद्र की इसमें कोई भूमिका नहीं है। बार बार पीएम का नाम लेना और केंद्र सरकार पर आरोप लगाना उचित नहीं है। इस मामले में केंद्र सरकार की कोई भूमिका नहीं है।’’ संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे को लेकर लोकसभा में प्रश्नकाल नहीं चलने दे रहा है। नारे लगा लगाकर खुद लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं और सरकार पर आरोप लगाते हैं कि लोकतंत्र की हत्या हो रही है।
नायडू ने इसके साथ ही उपाध्यक्ष एम थंबीदुरै से कहा कि राज्यपाल के फैसले पर लोकसभा में सवाल नहीं उठाया जा सकता। यदि प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी को लगता है कि उसके साथ कुछ गलत हुआ है तो वह अदालत में जा सकती है। लोकसभा की कार्यवाही को बाधित करने का क्या मतलब है। उन्होंने राज्यपाल के खिलाफ कही गयी बातों को कार्यवाही से निकाले जाने को भी कहा।
इससे पूर्व, खड़गे ने भोजनावकाश के बाद सदन की कार्यवाही शुरू होने पर यह मामला उठाते हुए कहा कि अरुणाचल प्रदेश में संवैधानिक संकट पैदा हो गया है जहां दो तिहाई बहुमत से सत्ता में आयी कांग्रेस सरकार को हटाने के लिए केंद्र सरकार राज्यपाल को उकसा रही है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक सिद्धांतों को ध्वस्त करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्यपाल के जरिए सत्तारूढ़ कांग्रेस में विभाजन करा रही है जो पूरी तरह गैर लोकतांत्रिक कदम है। खड़गे ने आरोप लगाया कि इस घटनाक्रम को लेकर उनकी पार्टी सदन का बहिष्कार करती है। इसके बाद विपक्षी सदस्य ‘गवर्नर को बर्खास्त’ करो के नारे लगाते हुए सदन से चले गए।
इससे पूर्व कांग्रेस ने गुरुवार को लगातार तीसरे दिन भी सुबह लोकसभा में इस मुद्दे को उठाना चाहा लेकिन अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने खड़गे को इसकी अनुमति नहीं देते हुए सदन को अचानक भोजनावकाश के लिए स्थगित कर दिया।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नेतृत्व ने बुधवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिल कर अरुणाचल के मुद्दे को उठाया था और वहां के राज्यपाल ज्योति प्रसाद राजखोवा की कड़ी शिकायत की थी। उन्होंने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वह अरुणाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार को ‘पूर्व नियोजित साजिश’ के तहत हटाने का प्रयास कर रही है।