जीएसटी विधेयक को लेकर गतिरोध का सामना कर रही सरकार ने गुरुवार को फिर से कांग्रेस से संपर्क साधा। मगर इस मुद्दे पर कोई प्रगति नहीं होने का संकेत कांग्रेस ने दिया है। उसने केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू के इस विषय पर सहयोग मांगने को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ हुई बैठक पर स्थिति साफ की और आरोप लगाया कि भाजपा की इस मुद्दे पर हठधर्मिता जारी है। इस पर भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस जीएसटी को लेकर गंभीर नहीं है और विपक्षी पार्टी की प्राथमिकता उसके शासक परिवार का विकास और संरक्षण करना है।

जीएसटी विधेयक पर कांग्रेस नेतृत्व से सरकार ने दूसरी बार संपर्क साधा था। इससे पहले प्रधानमंत्री ने सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से 27 नवंबर को अपने सात, रेसकोर्स रोड आवास पर मुलाकात की थी। सरकार और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के बीच दूसरे दौर की बैठक से यह संकेत था कि सरकार जीएसटी विधेयक को पास कराने के लिए बीच का रास्ता तलाशना चाहती है। सूत्रों के मुताबिक सरकार जीएसटी विधेयक के प्रति कई क्षेत्रीय दलों के समर्थन से उत्साहित है और बजट सत्र को समय से पहले आयोजित करने पर विचार कर रही है जो फरवरी के तीसरे हफ्ते से शुरू होता है, लेकिन सरकार इसके लिए कांग्रेस की सहमति चाहती है।

मगर इस मामले में कांग्रेस प्रवक्ता कपिल सिब्बल ने दावा किया कि भाजपा इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टी के साथ कोई समझौता करने को तैयार नहीं है क्योंकि संघ और स्वदेशी जागरण मंच ने सुधार कदमों का विरोध कर दिया है। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार ने कांग्रेस की मांग ली है और वेंकैया नायडू के जरिए सोनिया गांधी के समक्ष कोई प्रस्ताव रखा है, सिब्बल ने कहा- क्या प्रस्ताव? सरकार की ओर से कोई प्रस्ताव नहीं है। अगर उन्हें हमारी मांग माननी होती तब वित्त मंत्री अरुण जेटली क्यों कहते कि राज्यसभा में कांग्रेस की संख्या कम होने से जीएसटी संभव हो सकेगा। उन्होंने कहा- यह सब दिखावा है। वेंकैया आए और सोनिया गांधी से मिले। उन्हें यह दिखाना था। अगर कुछ ठोस होता, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली अब तक ट्विटर पर होते।

सुधार विधेयक पर सहयोग हासिल करने को लेकर संसदीय कार्यमंत्री एम वेंकैया नायडू की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच बैठक के बाद दोनों दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोपों का सिलसिला शुरू हो गया। कांग्रेस के आरोप पर पलटवार करते हुए भाजपा ने कहा कि कांग्रेस जीएसटी को लेकर गंभीर नहीं है और विपक्षी पार्टी की प्राथमिकता उसके शासक परिवार का ‘विकास और संरक्षण’ करना है।

भाजपा सचिव श्रीकांत शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इससे पहले सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से संपर्क कर चुके हैं लेकिन कांग्रेस इस विधेयक का समर्थन करने को लेकर गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा- यह स्पष्ट है कि कांग्रेस न तो जीएसटी और न ही देश के विकास को लेकर गंभीर है। उसने एक परिवार को बचाने के लिए संसद में कामकाज नहीं होने दिया। इससे पहले संसदीय मामलों के मंत्री वेंकैया नायडू ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की और अहम जीएसटी विधेयक व रियल एस्टेट विधेयक जल्द पास कराने के लिए उनसे सहयोग मांगा। उन्होंने साथ ही कहा कि यदि दल सहमत होते हैं तो सरकार बजट सत्र जल्द बुलाने के लिए तैयार है।

नायडू सुबह यहां 10 जनपथ में सोनिया के आवास पहुंचे और उनसे करीब 20 मिनट तक बात की। ऐसा बताया जा रहा है कि इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष ने उनसे जीएसटी के संबंध में कांग्रेस के तीन मुख्य सुझावों पर सरकार की राय के बारे में पूछा। सूत्रों ने बताया कि नायडू ने सोनिया को बताया कि जीएसटी विधेयक के संबंध में कांग्रेस ने जो बातें उठाई हैं, उन पर सरकार विचार कर रही है और सरकार के रुख के बारे में कांग्रेस नेताओं को पूर्व में बता दिया गया है।

नायडू ने रियल एस्टेट विधेयक के बारे में सोनिया को बताया कि कांग्रेस और अन्य दलों के फैसले के अनुसार विधेयक को राज्यसभा की प्रवर समिति को भेजा गया और सरकार ने समिति की लगभग सभी सिफारिशें मान ली हैं। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष को बताया कि यदि जरूरत पड़ी और यदि राजनीतिक दल सहमत हुए तो सरकार संसद का बजट सत्र समय से पूर्व बुलाना चाहेगी ताकि ये विधेयक जल्द पास हो सकें।

बैठक के बाद नायडू ने संवाददाताओं से कहा- हमने सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को निमंत्रण दिया था और उनसे जीएसटी व अन्य विधेयकों पर चर्चा की। उसी परिप्रेक्ष्य में मैंने सरकार के संसदीय मंत्री के तौर पर कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात की और उन्हें याद दिलाया कि पहले की चर्चा के मुताबिक कांग्रेस को अपने रुख को अंतिम रूप देना चाहिए। उन्होंने कुछ मुद्दे उठाए जिसका जवाब वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दिया था।

उन्होंने कहा- चूंकि सरकार राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और सदन में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा से इस बारे में पहले ही बात कर चुकी है इसलिए मैंने उन्हें याद दिलाया कि तुरंत निर्णय किया जाना चाहिए और जीएसटी व रियल एस्टेट बिल पर हमें तुरंत आगे बढ़ना चाहिए। नायडू ने कहा कि सोनिया ने उनसे कहा कि वे पार्टी के अंदर इस मुद्दे पर चर्चा करेंगी और सरकार को बताएंगी।