संसद से VB-G RAM G बिल पास हो चुका है। इसके बाद से भाजपा विपक्ष के निशाने पर आ गई है। विपक्ष आरोप लगा रहा है कि बीजेपी ग्रामीण रोजगार को खत्म करना चाहती है। वहीं बीजेपी नेताओं का दावा है कि विकसित भारत गारंटी फॉर रोज़गार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) बिल ने UPA की एक प्रमुख योजना MGNREGA की जगह लेकर उसकी जड़ पर चोट की है। बीजेपी नेताओं का आरोप है कि इससे कांग्रेस को काफी राजनीतिक फायदा हुआ था। वहीं कांग्रेस पार्टी इसमें एक राजनीतिक अवसर देख रही है। विपक्ष के कुछ नेताओं के अनुसार चार राज्यों में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों में ‘वोट चोरी’ अभियान से ज़्यादा प्रभावी मुद्दा यही हो सकता है।

शिवराज ने बीजेपी पर साधा निशाना

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में अपने भाषण में कांग्रेस और गांधी परिवार पर निशाना साधा और VB-G RAM G बिल को गरीबों को एक ज़्यादा प्रभावी, भ्रष्टाचार-मुक्त रोज़गार गारंटी योजना के साथ सशक्त बनाने के BJP के बड़े विचार के रूप में पेश किया। विपक्ष ने इस योजना को कमज़ोर करने और इससे महात्मा गांधी का नाम हटाने का ज़ोरदार विरोध किया। कांग्रेस सांसद सदन के वेल में घुस गए, बिल और अन्य कामकाज के कागज़ फाड़ दिए और उन्हें हवा में उछाल दिया, जिससे लोकसभा में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने प्रस्तावित कानून के खिलाफ देश भर में बड़े विरोध प्रदर्शनों की घोषणा की है। सदन के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, “जो कोई भी (VB-G RAM G) बिल को ध्यान से पढ़ेगा, उसे पता चल जाएगा, यह योजना धीरे-धीरे खत्म हो जाएगी क्योंकि राज्य सरकारों के पास पर्याप्त पैसा नहीं है, खासकर उन राज्यों के पास जिन्हें इस योजना की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है।”

‘G RAM G से मनरेगा खत्म होने जा रहा है’, प्रियंका बोलीं- प्रदेश की सरकारें बोझ सह नहीं पाएंगी

कांग्रेस कार्य समिति (CWC) 27 दिसंबर को सरकार के इस कदम के खिलाफ एक व्यापक विरोध योजना बनाने के लिए बैठक कर रही है। लोकसभा में हंगामे के बीच दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण पर होने वाली चर्चा नहीं हो पाई। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष की इस मुद्दे पर चर्चा करने की इच्छा नहीं थी। सरकार ने कहा कि वह चर्चा के लिए तैयार थी, जिसे प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा शुरू किया जाना था, लेकिन विपक्ष द्वारा बनाए गए हंगामे के कारण आगे नहीं बढ़ पाई।

प्रदूषण पर क्यों नहीं हुई बहस?

कुछ विपक्षी नेताओं ने माना कि वे VB-G RAM G बिल पास होने के तुरंत बाद वायु प्रदूषण पर चर्चा करने के इच्छुक नहीं थे। एक कांग्रेस नेता ने कहा, “वायु प्रदूषण मुख्य रूप से दिल्ली-NCR से जुड़ा मुद्दा है। अगर हमने इस पर बहस की होती, तो ध्यान इस पर चला जाता, खासकर इसलिए क्योंकि प्रियंका और कनिमोझी (DMK सांसद एम कनिमोझी) जैसे नेताओं को इस पर बोलना था। हम नहीं चाहते थे कि MGNREGA का मुद्दा किसी और चीज़ से दब जाए।”

लोकसभा में कांग्रेस के चीफ व्हिप मणिक्कम टैगोर ने इसका दोष सरकार पर डाला। उन्होंने कहा, “उन्होंने (VB-G RAM G बिल) को इस तरह से लिस्ट किया था कि बिल पास होने के तुरंत बाद वायु प्रदूषण पर बहस शुरू हो जाती। वे इसे स्टैंडिंग कमेटी को भेजे बिना ही पास कर रहे थे। सरकार का इरादा चर्चा करने का नहीं था।”

वोट चोरी से अधिक होगा फायदा?

मणिक्कम टैगोर के अनुसार, 1 दिसंबर को शीतकालीन सत्र शुरू होने के बाद से विपक्षी नेता वायु प्रदूषण पर चर्चा के लिए समय देने के लिए सरकार से बातचीत कर रहे थे। एक वरिष्ठ विपक्षी नेता ने कहा, “विपक्ष को BJP के खिलाफ एक धारदार हथियार मिल गया। यह (VB-G RAM G बिल) एक ऐसा मुद्दा है जिससे हमें गांवों और महिलाओं से समर्थन मिलेगा। वोट चोरी अभियान के उलट, इसका लोगों की ज़िंदगी से सीधा संबंध है। हम नहीं चाहते थे कि यह किसी भी कीमत पर कमज़ोर पड़े।”

लोकसभा के अंदर विपक्षी सांसदों ने अपना गुस्सा ज़ाहिर करने की पूरी कोशिश की। केरल के तीन कांग्रेस सांसद (हिबी ईडन, शफी परम्बिल और डीन कुरियाकोस) चेयर के सामने रिपोर्टर्स की टेबल पर चढ़ गए, नारे लगाए और कागज़ के टुकड़े फेंके। स्पीकर ओम बिरला ने सांसदों को चेतावनी दी कि उन्हें यहां कागज़ फेंकने के लिए नहीं भेजा गया है। उनके व्यवहार की शिवराज चौहान ने कड़ी आलोचना की, जिन्होंने बीजेपी मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इसे गुंडा राज बताया और आरोप लगाया कि यह बापू के आदर्शों की हत्या है।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “प्रियंका गांधी (वाड्रा) महात्मा गांधी का नाम हटाने की बात कर रही थीं। वे (प्रियंका का परिवार) गांधी नहीं हैं, उन्होंने गांधी का नाम चुराया है। प्रियंका गांधी ने नाम बदलने के ‘सनक’ की बात की। वे ही नामों के प्रति जुनूनी हैं, इसी वजह से उन्होंने हर चीज़ का नाम नेहरू, इंदिरा और राजीव के नाम पर रखा। मोदी सरकार नामों के प्रति नहीं, बल्कि काम के प्रति जुनूनी है।”

बीजेपी सांसद का बयान

बीजेपी के लिए बिना किसी बड़े राजनीतिक झटके के MGNREGA को खत्म करना कांग्रेस और उसकी विरासत को कमज़ोर करने की कोशिशों में एक महत्वपूर्ण कदम है। एक बीजेपी सांसद ने कहा, “यह एक ऐसी योजना रही है जिसने गांधी परिवार को बहुत ज़्यादा राजनीतिक पूंजी दिलाई और असल में इसी वजह से 2009 में कांग्रेस की जीत हुई थी। राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी होने के नाते हमें यह देखना होगा कि ऐसी योजना जिसकी इतनी अच्छी छवि है, उसमें सुधार किया जाए और उस पर हमारी मुहर हो।” पढ़ें ‘VB-G Ram G की क्या है फुल फॉर्म?