नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर के बेनियाबाग मैदान में भी महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया हैं। इस प्रदर्शन में पुरुष भी शामिल हैं। इसकी जानकारी जब पुलिस को हुई तो मौके पर पहुंच कथित रूप से भीड़ पर बल का प्रयोग कर हटाने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस ने छह प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि कुछ समय बाद महिलाओं को पुलिस ने छोड़ दिया।
“विरोध करने के लिए पैसे” दिए गए थे: बता दें कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बाद 24 लोगों की तस्वीरें जारी की हैं। इनके बारे में जानकारी देने वाले व्यक्ति को 5000 रुपए इनाम की भी घोषणा की है। वाराणसी एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने कहा कि विरोध प्रदर्शन कांग्रेस और वाम दलों द्वारा फंड किया गया था और इसमें भाग लेने वालों को “विरोध करने के लिए पैसे” दिए गए थे। उन्होंने कहा कि जब पुलिस मौके पर प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पहुंची तो उनके उपर पत्थर फेंके गए। उन्होंने बताया कि विरोध प्रदर्शन जिले में निषेधात्मक आदेशों का उल्लंघन है।
प्रदर्शन में शामिल होने के लिए दिए गए थे पैसे: एसएसपी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि, “जो महिलाएं वहां प्रदर्शन कर रही थीं वे स्थानीय निवासी थी और उनमें से कुछ की पहचान कांग्रेस और वाम दलों के कार्यकर्ताओं के रूप में हुई है। इसके लिए जो भी जिम्मेदार होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने आगे कहा कि पुरुषों को इस प्रदर्शन में शामिल होने के लिए पैसे दिए गए थे। पुलिस जब प्रदर्शनकारियों को हटाने की कोशिश कर रही थी, उस दौरान एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था। वह व्यक्ति मऊ जिले का निवासी है। इस दौरान पुलिस पर पत्थर फेंके गए जिसके बाद पुलिस ने हल्का बल का प्रयोग किया।
पुलिस ने बल का प्रयोग किया: बेनियाबाग में प्रदर्शन कर रही एक महिला की पहचान सृष्टि कश्यप के रूप हुई है। उसने कांग्रेस पार्टी की कार्यकर्ता होने का दावा किया है। कश्यप ने फेसबुक पर एक वीडियो को लाइव-स्ट्रीम कर दावा किया कि बेनियाबाग में विरोध शांतिपूर्ण था। फिर भी पुलिस ने बल का प्रयोग कर उन्हें मजबूर किया कि हम लोग मैदान से बाहर चले जाए।
प्रदर्शन शांतिपूर्ण था: वीडियो में कश्यप कहती नजर आ रही हैं कि बेनियाबाग में धरने पर बैठे लोग शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। यह प्रदर्शन महिलाओं द्वारा CAA-NRC के खिलाफ आयोजित किया गया था। इस प्रदर्शन में किसी भी प्रकार के उपद्रवी लोग उपस्थित नहीं थे। प्रशासन कह रहा है कि विरोध प्रायोजित और बाहर से फंड किया गया था। अगर हम सच के साथ खड़े हैं, तो आप हमें दंगाई कहते हैं। मेरे खिलाफ एफआईआर है। हमने ऐसी कार्रवाई के लिए क्या किया है?
24 लोगों की पहचान की गई है: दशाश्वमेध घाट क्षेत्र की सर्कल अधिकारी प्रीति त्रिपाठी ने कहा कि 30 नामजद और लगभग 600 अज्ञात लोगों के खिलाफ चौक पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन पर दंगा करने, सरकारी कर्मचारी पर ड्यूटी के समय हमला करना, दूसरों के बीच आपराधिक साजिश करने के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अब तक हमने 24 लोगों की पहचान की है जो हिंसक विरोध प्रदर्शन का हिस्सा थे। उनकी तस्वीरें जारी की गई हैं।
राज्य में कुल सात एफआईआर दर्ज: बता दें कि इसके साथ ही कई स्थानों पर सीएए-एनआरसी के खिलाफ महिलाओं द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन के संबंध में पिछले 10 दिनों में राज्य में कुल सात एफआईआर दर्ज की गई हैं। वहीं लखनऊ के घंटाघर में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं, एक लखनऊ में गोमतीनगर विरोध के लिए, एक इटावा में, और एक प्रयागराज में खुल्दाबाद पुलिस स्टेशन में दर्ज है।
