विदेश में फंसे भारतीयों की स्वदेश वापसी के लिए भारत सरकार ने वंदेभारत मिशन चलाया हुआ है। अब खबर आयी है कि अमेरिका और यूएई ने इस पर आपत्ति जतायी है और कहा है कि एयर इंडिया की फ्लाइट को उनके देश आने से पहले मंजूरी लेनी अनिवार्य होगी। हाल ही में अमेरिका ने भारत की इस पहल को भेदभावपूर्ण बताया था। अमेरिका का कहना है कि भारत सरकार इंडो-यूएस रुट्स पर अमेरिकी विमानों के संचालन की मंजूरी नहीं दे रही है, जबकि एयर इंडिया वंदे भारत मिशन के तहत यही कर रही है।

अमेरिका ने ऐलान किया है कि 22 जुलाई से एयर इंडिया की किसी फ्लाइट को इंडो-यूएस रूट से ऑपरेट करने की इजाजत नहीं मिलेगी। इसके लिए पहले अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ ट्रांसपोर्टेशन (DoT) की मंजूरी लेना अनिवार्य होगा। इसके बाद भारत सरकार ने अपने एक बयान में कहा था कि भारत संधि के तहत अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस के साथ इंटरनेशनल उड़ान सेवाओं की द्विपक्षीय मंजूरी के लिए प्रयास करेगा।

रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के बाद अब यूएई ने भी एयर इंडिया की फ्लाइट्स के उनके देश में आने पर रोक लगा दी है। यूएई ने कहा है कि यदि एयर इंडिया की फ्लाइट से यूएई के नागरिक भी वापस लौट रहे हैं तो भी उन्हें पहले दिल्ली में स्थित यूएई की एंबेसी से इसकी मंजूरी लेनी होगी।

बता दें कि भारत सरकार विदेश में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए आगामी तीन जुलाई से वंदे भारत मिशन का चौथा चरण शुरू करेगी। यह मिशन बीते 7 हफ्तों से चल रहा है। इस मिशन के तहत भारत सरकार अभी तक 3,64,209 भारतीयों को स्वदेश वापस ला चुकी है। इस मिशन के पहले तीन चरणों में 50 देशों में 875 इंटरनेशनल फ्लाइट्स का संचालन किया जाना था। इनमें से 700 फ्लाइट्स अभी तक भारत पहुंच चुकी हैं।