उत्तराखंड विधानसभा में शुक्रवार को जमकर हंगामे के बाद बीजेपी ने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया। कांग्रेस के 9 बागी विधायक हरक सिंह रावत के नेतृत्‍व में दिल्‍ली पहुंच चुके हैं। इनके साथ बीजेपी 26 विधायक भी दिल्‍ली आए हैं। ये सभी एक चार्टर्ड प्‍लेन से दिल्‍ली पहुंचे। माना जा रहा है कि शनिवार को यहां सीनियर बीजेपी लीडर्स के साथ मीटिंग में आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। विधायकों को गुड़गांव के एक होटल में ठहराया गया है।

बागी कांग्रेसी विधायकों के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें हैं। इस वजह से कांग्रेस की सरकार अल्पमत में आ गई है। बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि उन्‍होंने 35 विधायकों की गवर्नर के सामने परेड करा दी है। इससे साफ हो जाता है कि हरीश सरकार अल्‍पमत में आ गई है और उनकी सरकार को तुरंत बर्खास्‍त किया जाना चाहिए।

दिल्ली पहुंचे उत्‍तराखंड के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता विजय बहुगुणा ने कहा, ‘ये सरकार बड़े घोटालों में शामिल है और उत्तराखंड को बर्बादी की ओर ले जा रही है।’ कांग्रेस के बागी मिनिस्टर हरक सिंह रावत ने कहा, “हम (बीजेपी और कांग्रेस के बागी) राज्य को एक मजबूत सरकार देंगे।” रावत ने यह भी आशंका जताई है कि हरीश रावत विधायकों की खरीद फरोख्‍त भी कर सकते हैं। दूसरी ओर सीएम हरीश रावत ने कहा कि उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं है। उन्‍होंने कहा, ‘उत्तराखंड की जनता सब देख रही है। दिल्ली में बीजेपी ने ऐसा करने की कोशिश की थी। वहां क्या हाल हुआ पूरे देश ने देखा है। हमारे पास बहुमत है। हमारी सरकार खतरे में नहीं है।’ वहीं, बागी विधायकों का आरोप है कि सरकार में बड़े पैमाने पर भ्रष्‍टाचार हो रहा है और राज्य बर्बादी की और जा रहा है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि बगावत के पीछे विजय बहुगुणा की अहम भूमिका है।

असेंबली में अभी क्या है स्थिति

70 सीटों वाली उत्तराखंड असेंबली में कांग्रेस के 36, बीजेपी के 28, निर्दलीय 3, बीएसपी के 2 और यूकेडी का 1 विधायक है। कांग्रेस से 12 विधायक बागी हैं। यानी हरीश रावत की कुर्सी खतरे में है। जो एमएलए हरीश रावत के खिलाफ हैं वे सभी पूर्व सीएम विजय बहुगुणा खेमे के बताए जा रहे हैं।