देश में कोविड के खौफ और तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने मंगलवार को कांवड़ यात्रा रद्द कर दी। यह लगातार दूसरे वर्ष है जब महामारी के कारण यात्रा का आयोजन नहीं किया जा रहा है। इससे पहले दिन में, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि हालांकि कांवड़ यात्रा सनातन संस्कृति का हिस्सा है, लेकिन महामारी के समय में जान बचाना सर्वोपरि है।
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मीडिया से कहा, “हमने उच्च अधिकारियों और पड़ोसी राज्यों के अधिकारियों के साथ चर्चा की और निर्णय लिया कि हम इस समय कांवड़ यात्रा नहीं करेंगे। गदरपुर में एक कोरोना वैरिएंट मिला है, इसलिए हम हरिद्वार को कोविड का केंद्र नहीं बनाना चाहते।” इसके पहले कहा जा रहा था कि उत्तराखंड सरकार इस साल होने वाले कांवड़ यात्रा को अनुमति देने पर विचार कर रही है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भी हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर राज्य और देश के लोगों के हित में यात्रा को आगे नहीं बढ़ने देने को कहा था। हिंदू कैलेंडर के अनुसार श्रावण के महीने की शुरुआत के साथ शुरू होने वाली पखवाड़े भर की यात्रा अगस्त के पहले सप्ताह तक चलती है और हरिद्वार में गंगा का जल लेने के लिए उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली सहित पड़ोसी राज्यों से कांवड़ियों का एक बड़ा जमावड़ा देखने को मिलता है।
राज्य के नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली में कहा था कि हम कांवड़ यात्रा को आयोजित करने वाले राज्य हैं। 15 दिनों तक चलने वाले कांवड़ यात्रा में करीब 3 करोड़ से ज्यादा भक्त उत्तराखंड आते हैं। कहा कि यह लोगों की आस्था का विषय जरूर है लेकिन कई लोगों की जिंदगी दांव पर है। लोगों की जिंदगियों को बचाना हमारी पहली प्राथमिकता है। अगर कांवड़ यात्रा के कारण कोरोना से एक भी लोग की मौत होती है तो भगवान भी माफ़ नहीं करेंगे।
कांवड़ यात्रा में पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश और हरियाणा से कई लोग उत्तराखंड आते हैं। भले ही उत्तराखंड सरकार कांवड़ यात्रा को रद कर दी है, लेकिन उत्तरप्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कांवड़ यात्रा को मंजूरी दे दी है। कांवड़ यात्रा की तैयारियों को लेकर सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। साथ ही यात्रियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करने को कहा गया है।