अगले साल उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसको लेकर कांग्रेस अपनी तैयारियों पर मंथन कर रही है। वहीं उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में एक निजी न्यूज चैनल के कार्यक्रम में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने खुलकर अपनी बात रखी। इस दौरान उन्होंने खुद को कांग्रेस की बालिका वधू बताया।
‘मैं कांग्रेस की बालिका वधू’: दरअसल कांग्रेस से चल रही उनकी नाराजगी और आम आदमी पार्टी में उनके शामिल होने के सवाल पर हरीश रावत ने कहा, “मुझे कांग्रेस कुछ दे या नहीं, मैं कांग्रेस की बालिका वधू हूं। अपनी बात निर्भीकता से कहता हूं। मुझे बालिका वधू के रूप में श्मशान जाना मंजूर है लेकिन कांग्रेस से अलग होना मंजूर नहीं।”
‘कांग्रेस जीत के मुहाने पर’: उन्होंने आजतक न्यूज चैनल के एक कार्यक्रम में दावा किया पंजाब में कांग्रेस फिर सत्ता में लौटेगी। हरीश रावत ने कहा कि हम अटल बिहारी और राजीव गांधी के युग के लोग हैं। उस वक्त एक दल से दूसरे दल में जाने को पाप माना जाता था। हम लोकतंत्र में जनता का विश्वास जीतकर सत्ता हासिल करने में यकीन रखते हैं। कांग्रेस चुनाव जीत पाने के कगार पर है।
हरीश रावत ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि चुनावी राज्यों में विपक्ष पर सीबीआई, ईडी और इनकम टैक्स जैसे मगरमच्छ का प्रयोग परेशान करने के लिए करती है लेकिन हमें इनका मुकाबला तैर कर पार करना है।
वहीं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को लेकर रावत ने कहा कि मैं केजरीवाल जी से कहना चाहता हूं कि वह अपने पार्टी की पहचान वोट कटुआ के रूप में ना बनाएं। उत्तराखंड की विभिन्ना को समझने के लिए केजरीवाल को अभी 5-7 साल का समय देना होगा।
बता दें कि हरीश रावत की कांग्रेस से नाराजगी पिछले दिनों खुलकर सामने आई। बीते दिनों उन्होंने अपने कई ट्वीट में कहा था, ”है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है।”
उन्होंने एक अन्य ट्वीट किया था, ”जिस समुद्र में तैरना है सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं। जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिये, अब विश्राम का समय है।”
एक और ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा था, ”फिर चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है “न दैन्यं न पलायनम्” बड़ी उपापोह की स्थिति में हूं, नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे। मुझे विश्वास है कि भगवान केदारनाथ इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे।”