यूपी के उन्नाव में 8 दिसंबर को एक दलित लड़की गायब हुई थी। जिसका शव अब एक खेत से बरामद किया गया है। बता दें कि शव मिलने से इलाके में सनसनी मच गई है। वहीं इस मामले में पुलिस ने आरोपी के साथी की निशानदेही पर दो महीने बाद खेत में गड्ढा खोदकर शव को निकाला। इस मामले में अबतक दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मामले में ढिलाई बरतने के आरोप में एक एसएचओ को सस्पेंड कर दिया गया है।
बता दें कि इस मामले में अब राजनीति भी तेज हो गई है। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख और यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने इस घटना पर दुख जाहिर करते हुए समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा है। एक ट्वीट में उन्होंने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
मायावती का सपा पर निशाना: उन्होंने लिखा, “उन्नाव जिले में सपा नेता के खेत में दलित युवती का दफनाया हुआ शव बरामद होना अति-दुःखद व गंभीर मामला। परिवार वाले पहले से ही उसके अपहरण व हत्या को लेकर सपा नेता पर शक कर रहे थे। राज्य सरकार पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए दोषियों के खिलाफ तुरन्त सख्त कानूनी कार्रवाई करे।”
जानकारी के अनुसार मृतका के पिता ने शव के अंतिम संस्कार से पहले 25 लाख मुआवजे की मांग की है। साथ ही आरोपियों को फांसी की सजा देने, पक्का आवास और सरकारी नौकरी की भी मांग रखी है।
पूरा मामला क्या है: बता दें कि उन्नाव के सदर कोतवाली क्षेत्र में एक दलित लड़की पिछले साल 8 दिसंबर 2021 से गायब हो गई थी। बेटी के लापता होने पर माता पिता ने अखिलेश सरकार में दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री स्वर्गीय फतेहबहादुर के बेटे रजोल सिंह के खिलाफ 9 दिसंबर को पुलिस में तहरीर दी थी। इस तहरीर में उन्होंने बेटी के अपहरण का मामला दर्ज करवाया था।
हालांकि मामले में सपा के पूर्व राज्यमंत्री के बेटे का नाम होने से पुलिस पर लापरवाही का आरोप भी लगा है। माता पिता की शिकायत के बाद भी पुलिस की लापरवाही के चलते आरोपी खुलेआम घूमता रहा। बता दें कि मृतक युवती की मां ने आरोप लगाया है कि पुलिस और रजोल सिंह के बीच मिली भगत होने से इस मामले में लापरवाही बरती गई।
