संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ आवाज उठाने वाले डॉक्टर कफील खान के खिलाफ पुलिस ने शुक्रवार को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) लगा दिया। उनपर ये कार्रवाई अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के लिए की गई है। आरोप  है कि उन्होंने अपने भाषण के जरिए सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ भड़काऊ बातें कही। चौंकाने वाली बात यह है कि कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी लेकिन रिहाई से पहले ही उनपर एनएसए लगा दी गई।

करीब 4 दिन पहले मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मथुरा जेल में बंद कफील को जमानत दे दी थी। कफील 20 दिन से जेल में बंद हैं। अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश कुलहरी ने बताया कि कफील के खिलाफ एनएसए की कार्यवाही की गई है और वह जेल में ही रहेंगे। इसके साथ ही कफील की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ती हुई नजर आ रही है।

मालूम हो कि उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (यूपी एसटीएफ) ने कफील को जनवरी में मुंबई से गिरफ्तार किया था।  इसके बाद उन्हें अलीगढ़ लाया गया और फिर मथुरा की जेल में भेज दिया गया।  उनके खिलाफ अलीगढ़ के सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था।

कफील गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत के मामले में सस्पेंड किए गए हैं। उन्हें इस मामले में गिरफ्तार किया गया था लेकिन करीब 2 साल के बाद जांच में सभी प्रमुख आरोपों से बरी कर दिया गया था।