जीरो टॉलरेंस की नीति पर कड़ा रुख अपनाते हुए उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार ने लगभग 200 भ्रष्ट अफसरों को जबरन रिटायर कराने का फैसला ले लिया है। राज्य सरकार ने इसके अलावा बुधवार (तीन जुलाई, 2019) को तकरीबन 400 अफसरों और कर्मचारियों को दूसरी सख्त सजा देने की चेतावनी भी दी।
सरकारी अधिकारियों के हवाले से विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि राज्य सरकार ने करीब 200 अधिकारियों से तय समय से पहले रिटायरमेंट (वॉल्यंट्री रिटायरमेंट) लेने के लिए कह दिया है, क्योंकि वे भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी पाए गए थे। सरकार ने उसी दौरान 400 से अधिक भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मचारियों को गंभीर सजाएं देने की चेतावनी दी है।
दरअसल, इसी 20 जून को सीएम योगी ने लोक भवन स्थित सचिवालय प्रशासन विभाग में होने वाले काम-काज की समीक्षा की थी। योगी ने तब साफ कर दिया था कि उनकी सरकार के स्टाफ में भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए किसी प्रकार की जगह नहीं है।
यहां तक कि वह यह भी बोले थे कि भ्रष्ट अफसरों को जबरन रिटायर कर बाहर का रास्ता भी दिखाया जाएगा। सीएम ने उसके बाद अधिकारियों को ऐसे भ्रष्ट अफसरों व कर्मचारियों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए थे और उनके खिलाफ जरूरी कदम उठाने के लिए कहा था।
सीएम योगी की तरफ से इस प्रकार का कड़ा रवैया तब देखने को मिला है, जब हाल ही में मोदी सरकार ने काम में ढिलाई को लेकर कई अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया था। राजनीतिक जानकारों का इस स्थिति में मानना है कि योगी भी संभवतः पीएम मोदी की ही राह पर आगे बढ़ रहे हैं।
बता दें कि जून में सरकार ने 15 वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया था, जबकि इससे पहले 12 अफसरों की ‘छुट्टी’ कर दी गई थी। ये सभी भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे थे।