मंगलवार को बिहार विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। विधानसभा के अंदर और बाहर स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पुलिस को सदन के अंदर घुसना पड़ा। इतना ही नहीं विपक्ष के विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को ही बंधक बना लिया। विधानसभा अध्यक्ष को विधायकों के कब्जे से छुड़ाने के लिए पटना के डीएम और एसएसपी को सदन के अंदर पहुंचना पड़ा। इस दौरान विपक्षी विधायकों और बीजेपी विधायकों में हाथापाई भी हो गई।
विधानमंडल के बजट सत्र का 20वां दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। विपक्षी विधायकों ने बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधयेक पर चर्चा के दौरान जमकर बवाल काटा। विधानसभा में हंगामा इतना बढ़ गया कि अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा को विधायकों ने उनके चैंबर में ही बंधक बना लिया। विधानसभा अध्यक्ष को छुड़ाने पहुंचे पटना के डीएम और एसएसपी के साथ भी जमकर धक्का मुक्की हुई। इसके बाद मार्शलों ने विपक्षी विधायकों को सदन से बाहर फेंकना शुरू कर दिया। जिसकी वजह से कई विधायक घायल हो गए। वहीं मकदुमपुर से राजद विधायक सतीश कुमार दास सुरक्षाकर्मियों के साथ धक्का मुक्की के दौरान बेहोश हो गए। घायल विधायक को एंबुलेंस बुलाकर और स्ट्रेचर पर लाद कर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
#WATCH Bihar: Women MLAs of the Opposition being carried out of the Assembly building by women security personnel. They (MLAs) were refusing to allow Assembly Speaker Vijay Kumar Sinha to step out of his chamber. pic.twitter.com/Skj0LayFs4
— ANI (@ANI) March 23, 2021
इस दौरान विपक्षी महिला विधायकों को भी मार्शलों ने नहीं बख्शा. महिला विधायकों को भी सुरक्षाकर्मियों ने घसीट घसीट कर बाहर निकाला। महिला विधायक विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा को उनके चैंबर से बाहर नहीं आने दे रही थी। जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने जबरन विधायकों पर बलप्रयोग कर वहां से उनलोगों को हटाया। राजद और कांग्रेस की 7 महिला विधायकों ने आसन को घेर लिया था। लगातार घंटी बजने के बावजूद भी वे आसन के पास से हट नहीं रही थी।
वहीं कांग्रेस विधायक सत्येंद्र कुमार ने इस दौरान पुलिस अधीक्षक पर बदसलूकी का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पुलिस अधीक्षक ने मुझे छाती पर मारा है और यह लोकतंत्र की हत्या है। सदन में मंत्री अशोक चौधरी और राजद विधायक चंद्रशेखर के बीच भी हाथापाई हो गई। अशोक चौधरी ने राजद विधायक को धक्का दे दिया तो विधायक चंद्रशेखर ने भी मंत्री अशोक चौधरी की ओर माइक फेंक दिया। इस बिल को लेकर सुबह से ही हंगामा होता रहा। कहा जा रहा है कि बिहार विधानसभा के इतिहास में यह पहली बार हुआ है। बिहार विधानसभा के बाहर पुलिस की भारी तैनाती की गई है।
विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक को लेकर सुबह 11 बजे से ही विपक्ष ने विधानसभा में हंगामा करना शुरू कर दिया। सदन में न सिर्फ बिल की कॉपी फाड़ी गई बल्कि उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद से इसकी कॉपी छीनने की भी कोशिश की गई। दरअसल इस बिल को लेकर विपक्ष का यह आरोप है कि इससे आम आदमी के अधिकारों का उल्लंघन होगा वहीं सत्ता पक्ष यह दलील दे रहा है कि इससे आमजन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह सिर्फ पुलिस विभाग के लिए है।