UPPSC के खिलाफ पिछले तीन दिनों से अभ्यर्थियों द्वारा किए आंदोलन किया जा रहा है। चौथे दिन सुबह सुरक्षाबलों द्वारा छात्रों को हिरासत में लिए जाने के बाद उग्र हुए आंदोलन को देखते हुए आयोग में बैठक शुरू हुई है। सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत की अध्यक्षता में बैठक की जा रही है। जिसमें छात्रों के पक्ष में फैसला आने की उम्मीद जताई जा रही है।
छात्रों को पुलिस ने हिरासत में लिया
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के निर्णय के खिलाफ अभ्यर्थी आंदोलन कर रहे हैं। इसी बीच छात्रों ने आयोग के बाहर लगे बैरिकेडिंग को तोड़ते हुए उसके ऑफिस की ओर चल पड़े हैं। मौके पर मौजूद भारी सुरक्षा बलों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। हालांकि छात्रों का इस पर कहना है कि हम सभी छात्र आयोग के अध्यक्ष से बात करने के लिए ऑफिस जा रहे हैं। पिछले दिन से चल रहे आंदोलन के बाद छात्रों ने आक्रामक रूख अपनाया है।
पढ़ें दिनभर की सभी बड़ी खबरें-
11 नवंबर से UPPSC आयोग के खिलाफ चल रहा विरोध प्रदर्शन आज आक्रामक हो गया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि गुरुवार सुबह पुलिस वालों ने आंदोलन कर रहे कुछ अभ्यर्थियों का हिरासत में ले लिए। जिसके बाद मौके पर मौजूद छात्र आक्रोशित हो गए और आयोग के बाहर लगे पुलिस बैरिकेडिंग को तोड़ते हुए आयोग के मुख्य गेट पर पहुंच गए। हालांकि फिर पुलिस ने छात्रों को रोक लिया।
छात्रों के पक्ष में खड़े हैं केशव मौर्य
आयोग के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन को लेकर यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि भाजपा सरकार युवाओं के भविष्य के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। हमारी प्राथमिकता है कि सभी प्रतियोगी परीक्षाएं पारदर्शी और निष्पक्ष हों, मानकीकरण की समस्या का भी समाधान हो, जिससे हर योग्य उम्मीदवार को उसका हक मिले।
क्या होता है नॉर्मलाइजेशन? जानें कैसे तय होता है छात्रों के नंबर फॉर्मूला, UPPSC समेत किन परीक्षाओं में है लागू
इसके साथ ही उन्होंने सपा मुखिया अखिलेश यादव पर भी निशाना साधते हुए कहा है, ‘दुर्भाग्यपूर्ण है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव अपने कार्यकाल के काले कारनामे भूलकर राजनीतिक लाभ के लिए छात्रों की भावनाओं का राजनीतिकरण कर रहे हैं। आंदोलन की आड़ में माहौल बिगाड़ने की इनकी कोशिशों को समझदार प्रतियोगी छात्र भली-भांति समझते हैं।’
अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर साधा निशाना
वहीं इस पूरे मामले पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा है, ‘भाजपा की अहंकारी सरकार अगर ये सोच रही है कि वो इलाहाबाद में UPPSC के सामने से आंदोलनकारी अभ्यर्थियों को हटाकर, युवाओं के अपने हक के लिए लड़े जा रहे लोकतांत्रिक आंदोलन को खत्म कर देगी, तो ये उसकी ‘महा-भूल’ है। आंदोलन तन से नहीं मन से लड़े जाते हैं और अभी तक वो ताकत दुनिया में नहीं बनी जो मन को हिरासत में ले सके।’
पिछले तीन दिन से आयोग के बाहर छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों की मांग हैं कि दिसंबर में आयोजित होने वाली पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा और आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा को दो दिन के बजाय एक ही दिन कराई जाए। इसके साथ ही छात्रों की मांग है कि इस परीक्षा से नॉर्मलाइजेशन को भी समाप्त कर दिया जाए।
इस पूरे मामले पर आयोग का कहना है कि हम परीक्षा को साफ और स्वच्छ कराना चाहते हैं। इस वजह से परीक्षा को दो दिनों में कराई जा रही है। इसके साथ ही आयोग का कहना है कि वो छात्रों की हित के लिए परीक्षा बाद नॉर्मलाइजेशन किया जाना है। जो पूरी तरह से छात्रों के हक में है।