यूपी में 11 सीटों पर राज्यसभा चुनाव होना है। जिसके लिए 8 भाजपा और 3 सीटों पर समाजवादी पार्टी ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं। वहीं एक और निर्दलीय उम्मीदवार मथुरा निवासी संत मौनी फलहारी बाबा ने पर्चा भरा था। हालांकि उनका पर्चा खारिज हो गया है। इस स्थिति में अब चुनाव में भाजपा और सपा के उम्मीदवारों का निर्विरोध जीतना तय माना जा रहा है।
क्यों खारिज हुआ पर्चा: बता दें कि निर्दलीय उम्मीदवार मौनी बाबा का नामांकन प्रस्तावक की वजह से खारिज हो गया है। प्रस्तावक विधानसभा का सदस्य होता है। ऐसे में नामांकन पत्र तभी स्वीकार होता है जब किसी उम्मीदवार के पास 10 विधायक प्रस्तावक के तौर पर हो। वहीं मौनी बाबा के पास कोई भी प्रस्तावक विधायक नहीं था, ऐसे में उनका नामांकन खारिज हो गया है।
अब क्या है स्थिति: मौनी बाबा का पर्चा खारिज होने के बाद अब 11 सीटों पर 11 उम्मीदवार बचे हैं। जिसमें 8 भाजपा और 3 सपा के हैं। विधानसभा में भाजपा गठबंधन के पास 273 विधायक हैं। वहीं एक राज्यसभा उम्मीदवार के लिए 34 विधायकों के वोट चाहिए। इस हिसाब से भाजपा के आठों उम्मीदवारों की जीत तय है। वहीं सपा गठबंधन की भी विधानसभा में स्थिति देखें तो 125 विधायक हैं, वो भी तीन सदस्यों को राज्यसभा आसानी से भेज सकती है।
माना जा रहा है कि नामांकन वापस लेने की तारीख पर सभी 11 उम्मीदवारों को जीत का प्रमाण पत्र दे दिया जाएगा। वहीं नामांकन वापस लेने की तारीख 3 जून है। गौरतलब है कि जुलाई में यूपी से बीजेपी के 5, सपा के 3, बहुजन समाज पार्टी के 2 और कांग्रेस के एक राज्यसभा सदस्य का कार्यकाल समाप्त होने वाला है। ऐसे में इन 11 सीटों पर 10 जून को मतदान की तारीख है।
कौन कौन है उम्मीदवार: भाजपा उम्मीदवारों की बात करें तो पार्टी ने लक्ष्मीकांत बाजपेयी, सुरेंद्र सिंह नागर, बाबूराम निषाद, राधा मोहन दास अग्रवाल, दर्शना सिंह, संगीता यादव, मिथिलेश कुमार और के लक्ष्मण को राज्यसभा के लिए नामित किया है। वहीं सपा ने जावेद अली खान को मैदान में उतारा है। इसके अलावा आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी और निर्दलीय कपिल सिब्बल का समर्थन किया है।
कब होगी गिनती: राज्यसभा चुनाव के लिए तीन जून तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। वहीं 10 जून को सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक मतदान होगा और उसी दिन मतगणना भी होगी।