UP Politics: बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती (Mayawati) ने बुधवार को दिल्ली में हुई बैठक में अपने भतीजे आकाश आनंद (Akash Anand) को राष्ट्रीय स्तर की जिम्मेदारियां सौंपने से लेकर उत्तर प्रदेश में कैडर निर्माण की कवायद शुरू करने तक प्रमुख संगठनात्मक निर्णय लिए हैं। इसे आकाश आनंद के लिए प्रमोशन के तौर पर देखा जा रहा है, और सांकेतिक तौर पर वे BSP में नंबर दो बन गए हैं।

बुधवार की बैठक में भाग लेने वाले पार्टी के एक नेता ने बताया कि राज्य स्तरीय अभियान का नेतृत्व करने वाले BSP नेता अब मायावती और आकाश दोनों को रिपोर्ट करेंगे। जून 2024 में आकाश को फिर से पार्टी का राष्ट्रीय समन्वयक नियुक्त किया गया, जिससे उनके मायावती के उत्तराधिकारी बनने की संभावना बन गई लेकिन आकाश अब तक केवल हरियाणा और अब दिल्ली में विधानसभा चुनाव संचालन के प्रभारी रहे हैं।

आज की बड़ी खबरें

आकाश आनंद की बड़ी भूमिका

BSP सूत्रों ने बताया कि उन्हें देशभर में संगठनात्मक और अभियान संबंधी कार्यक्रमों की बड़ी जिम्मेदारी देने से पार्टी में उनकी भूमिका के बारे में सभी संदेह दूर हो गए हैं। BSP के एक नेता ने कहा कि आकाश जी बहनजी के एकमात्र उत्तराधिकारी हैं, लेकिन उनकी राज्य-विशिष्ट जिम्मेदारियां पार्टी में उनकी स्थिति के बारे में मतदाताओं और कार्यकर्ताओं के बीच भ्रम पैदा करती हैं।

इतना ही नहीं, साथ ही विधानसभा चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन ने BSP के आधार मतदाताओं के बीच पार्टी के अगली पीढ़ी के नेतृत्व के बारे में एक प्रतिकूल संदेश भेजा। यह निर्णय 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले महत्वपूर्ण माना जा रहा है और आकाश के लिए नेतृत्व की भूमिका निभाने का मंच तैयार कर रहा है। अब तक मायावती राज्य में संगठनात्मक कार्यों की पूरी तरह निगरानी कर रही हैं।

यूपी उपचुनाव हार के बाद मायावती ने कर दिया बड़ा ऐलान, बोलीं- जब तक इलेक्शन कमीशन…

कैडर को मजबूत करने के लिए पार्टी का अभियान

बीएसपी के एक नेता ने बताया है कि अभी तक हम केवल विधानसभा क्षेत्र स्तर पर ही कैडर कैंप आयोजित करते थे लेकिन अब हर विधानसभा क्षेत्र में चार से ज़्यादा ऐसे कैंप आयोजित किए जाएंगे। कैडर कैंप में सिर्फ़ एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक वर्ग से करीब 400 लोगों को ही बुलाया जाएगा।

बसपा ने जिले में विधानसभा क्षेत्रों की संख्या के अनुपात में जिला प्रभारी नियुक्त करने का फैसला किया है। पार्टी अब अक्टूबर से मार्च के बीच संगठनात्मक गतिविधियां चलाएगी और अप्रैल से सितंबर के बीच काम की समीक्षा करेगी। सितंबर 2017 में, जब भाजपा ने उत्तर प्रदेश में भारी जीत हासिल कर बसपा को 19 सीटों पर समेट दिया था, उसके कुछ महीनों बाद मायावती ने औपचारिक रूप से आकाश को पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलवाया था।

‘जब मैं डीयू में LLB की छात्रा थी…’ मायावती बोलीं- ‘हरिजन’ शब्द पर मैंने जताई थी आपत्ति

पार्टी को डिजिटल माध्यम में विस्तार करने का दिया जाता है श्रेय

2019 के लोकसभा चुनाव के समय तक आकाश पार्टी में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे और मायावती को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स से जोड़ने का श्रेय उन्हें ही दिया जाता है।

दिसंबर 2022 में UP विधानसभा चुनावों में हार के बाद इसमें बसपा को सिर्फ एक सीट मिली थी, मायावती ने कैडर से कहा कि वह आकाश को राज्य के विभिन्न हिस्सों में पार्टी द्वारा किए गए कार्यों की सच्ची प्रगति रिपोर्ट एकत्र करने के लिए भेजेंगी। आकाश की भूमिका को 2023 में राजस्थान, मध्य प्रदेश , तेलंगाना और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों के लिए बीएसपी की तैयारियों की देख-रेख तक बढ़ा दिया गया।

आकाश आनंद को दलितों, धार्मिक अल्पसंख्यकों, ओबीसी और आदिवासियों से जुड़े मुद्दों पर अभियान तैयार करने में मदद करने के लिए कहा गया था। इसके अलावा मई 2024 में मायावती ने घोषणा की कि वह आकाश को अपने राजनीतिक उत्तराधिकारी और पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक के पद से हटा रही है, जब तक कि वह परिपक्व नहीं हो जाते हैं। BSP से संबंधित अन्य सभी खबरों के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।