यूपी के गवर्नर राम नाइक ने शुक्रवार को विधानसभा स्पीकर माता प्रसाद पांडे को चिट्ठी लिखकर पूछा कि क्या समाजवादी पार्टी नेता आजम खान संसदीय मामलों के मंत्री बनने लायक हैं? गवर्नर के मुताबिक, आजम खान की भाषा सदन की परंपरा और गरिमा के खिलाफ है।
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बता दें कि आठ मार्च को आजम खान ने कथित तौर पर हमला बोलते हुए कहा था कि राजभवन उस बिल को दबाकर बैठा है, जो मेयरों के खिलाफ एक्शन लेने की इजाजत देता है। असेंबली में आजम खान ने कथित तौर पर कहा कि गवर्नर ‘एक खास पार्टी’ के सदस्यों के खिलाफ एक्शन नहीं लेना चाहते। वे उत्तर प्रदेश नगर निगम (संशोधन) बिल-2015 का जिक्र कर रहे थे। यह बिल पिछले साल राज्य असेंबली में पास हुआ था। मीडिया रिपोर्ट्स पर संज्ञान लेते हुए नाइक ने 9 मार्च को स्पीकर से सदन की कार्यवाही की ट्रांसस्क्रिप्ट और सीडी मांगी थी। हाल ही में ये गवर्नर को सौंपी गई। नाइक् ने खान के बयान की एडिटेड कॉपी भी असेंबली की लाइब्ररी से मांगी थी।
गर्वनर ने अपनी चिट्ठी हिंदी में लिखी है। उन्होंने निजी तौर पर स्पीकर से मिलने की इच्छा भी जताई है। नाइक ने इस चिट्ठी की एक प्रति सीएम अखिलेश यादव को भी भेजी है। नाइक के लेटर में लिखा है, ” कार्यवाही की संपादित और असंपादित कॉपियां देखने के बाद यह साफ हो चुका है कि संसदीय मामलों के मंत्री आजम खान ने 8 मार्च 2016 को गवर्नर पर टिप्पणी की जो साठ लाइनों की थी। इनमें से 20 लाइनें हटा दी गई हैं। संसदीय मामलों क मंत्री के बयान का 33 फीसदी हटाया जाना यह जाहिर करता है कि उनकी भाषा संदन की गरिमा और परंपरा के अनुकूल नहीं है। क्या वे अपने काम में सक्षम हैं? मुझे इस मामले में चीफ मिनिस्टर से भी चर्चा करनी होगी।”