Siddique Kappan’s Bail Plea Rejected: केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को लखनऊ की एक कोर्ट ने मनी लांड्रिंग के मामले में जमानत देने से इन्कार कर दिया है। ध्यान रहे कि सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर में कप्पन को यूएपीए के मामले में जमानत पर रिहा किया था लेकिन ईडी द्वारा दर्ज किए गए मामले में जमानत नहीं मिल सकी। ऐसे में कप्पन को अभी जेल में ही रहना होगा।
बता दें कि कप्पन पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) या आतंकवाद विरोधी कानून के तहत आरोप लगाया गया था। पेशे से पत्रकार कप्पन प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत के आदेश का इंतजार कर रहे थे। ईडी ने कप्पन और अन्य के खिलाफ फरवरी 2021 में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामला दर्ज किया था।
गिरफ्तारी:
पत्रकार कप्पन को अक्टूबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था। वो यूपी के हाथरस में एक दलित युवती रेप केस व हत्या मामले को कवर करने जा रहे थे। पुलिस ने दावा किया कि कप्पन के पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से संबंध थे और वह हिंसा भड़काने की साजिश के तहत हाथरस जा रहे थे। यूपी पुलिस ने उन्हें 5 अक्टूबर 2020 को मथुरा में टोल प्लाजा पर गिरफ्तार कर लिया था। उनपर अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन ऐक्ट (UAPA) की धाराएं लगाई गईं है।
सुप्रीम कोर्ट से जमानत:
सुप्रीम कोर्ट ने कप्पन को सितंबर में आतंकवाद विरोधी कानून मामले में जमानत दे दी थी। अदालत ने जमानत देते समय यूपी पुलिस द्वारा जमा किए गये कप्पन के खिलाफ सबूतों पर भी सवाल उठाए थे। मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित ने कहा अपने फैसले में कहा था, “कप्पन के पास क्या मिला? कोई विस्फोटक मिली क्या? उनका इस्तेमाल प्रचार के लिए नहीं किया गया था।”
बता दें कि कप्पन को सुप्रीम कोर्ट से यूएपीए मामले में जमानत तो मिली लेकिन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत नहीं मिली थी। ऐसे में कानून के मुताबिक एक आरोपी को अपने खिलाफ दर्ज किए गए सभी मामलों में जमानत लेनी होती है, उसके बाद ही उसे जेल से रिहा किया जा सकता है। मालूम हो कि यूपी पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने के बाद ईडी ने कप्पन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर जांच शुरू की।
