69000 सहायक शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर कैंडल मार्च निकाल रहे अभ्यार्थियों पर पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज किया। पुलिस की ज्यादती का आलम ये था कि जान बचाने के लिए व्यस्त सड़क पर वाहनों के सामने लोग भागते दिखे। इसके बाद भी पुलिस को रहम नहीं आया। सड़क पर गिरे लोगों पर भी लाठियां भांजी गईं। सोशल मीडिया पर तीखा गुस्सा देखा गया।
शमीम ने लिखा- अच्छा है। और दो धर्म और जात पात के नाम पर वोट। एक यूजर ने कहा- क्या बीजेपी को युवा ने लाठिया खाने के लिए वोट दिया है? अर्जुन ने लिखा- तानाशाही रवैया से आप गलत को सही साबित नही कर सकते। अभ्यर्थियों से बात करके उनको उनका अधिकार देना पडे़गा। एक ने लिखा- ये पढ़े लिखे नहीं हैं, अगर ये पढ़े लिखे होते तो इन्हें पता होता कि मुर्दा तो मुर्दा है फिर चाहे वो कब्रिस्तान में दफन हो या श्मशान में। जब इन्हें इतनी से बात समझ नही आई और कब्रिस्तान श्मशान के नाम लर वोट कर दिया तो ये कैसे पढ़े लिखे हैं।
जियाद ने लिखा- मैं तो कहता हूं और मारो देशद्रोहियों सरकार से रोजगार मांगते हो शर्म नहीं आती है। देशहित में बेरोजगार नहीं रह सकते। एक ने कहा- बाबा जरनल डायर की तरह सरकार चलना चाहता है बाबा कुछ समय के लिए गद्दी पर है। ऋषिकेश ने पूछा- ऐसे कौन मारता है भाई। बिना ब्रेक के लाठीचार्ज। जबरदस्त एक्शन में सरकार। अनुराग ने लिखा- अपने सरकार और अफसरों की कारिस्तानी को छुपाने के लिए लठैत सरकार बेरोजगार छात्रों पर लाठी बरसा रही है। लानत है ऐसी बेशर्म सरकार पर..।
लखनऊ : 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामला
कैंडल मार्च निकाल रहे अभ्यार्थियों पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज#UttarPradesh #Lucknow pic.twitter.com/GHKz3BOo20
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ये पढ़े लिखे नही है अगर ये पढ़े लिखे होते तो इन्हें पता होता कि मुर्दा तो मुर्दा है फिर चाहे वो कब्रस्तान में दफन हो या श्मसान में।जब इन्हें इतनी से बात समझ नही आये और कब्रस्तान श्मसान के नाम लर वोट कर दिया तो ये काय के पढ़े लिखे है।
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अधिकारी कर्मचारी अपनी मर्यादा लाघ रहे है।
जातिय ओर राजनैतिक सरक्षण मे ये भूल रहे है कि जनता अगर बिगड गयी तो देश का बहुत नुकसान हो जाऐगा।
कैंडिल मार्च पर लाठीचार्ज
लाठी जनता भी ले कर चल सकती है याद रखना।
अजय बिष्ट ओर मोदी के बाप दादा की जागीर नही है यूपी</p>— Arunesh Tewatia अरूणेश कुमार तेवतिया (@TewatiaArunesh) December 4, 2021
एक ने तंज कसते हुए कहा- योगी की मठ वापसी जरूरी हैं। इस टकले को सबक सिखाना होगा। जनता को इसको यूपी से बाहर का रास्ता दिखाना होगा। गिरीश ने पूछा- अगर इनमें से किसी भी व्यक्ति की भागते हुए सामने वाहन से टकराकर मौत हो जाये तो कौन जिम्मेदार होगा? मोहसिन ने लिखा- बीजेपी सरकार ने तो हद कर दी। अभी तो कैंडल मार्च निकालना भी गुनाह हो गया है। योगी जी हर बात का बदला लिया जाएगा। 2022 जल्द ही आनेवाला है।
अरुणेश ने लिखा- अधिकारी कर्मचारी अपनी मर्यादा लाघ रहे हैं। जातीय ओर राजनैतिक संरक्षण मे ये भूल रहे हैं कि जनता अगर बिगड़ गई तो देश का बहुत नुकसान हो जाएगा। कैंडिल मार्च पर लाठीचार्ज। लाठी जनता भी ले कर चल सकती है याद रखना। अजय बिष्ट ओर मोदी के बाप दादा की जागीर नहीं है यूपी। शैलेष वर्मा ने लिखा- जब कभी भी बीजेपी वाले तुम्हारे घर वोट मांगने आए तो इस बार उनको इसी जैसे कुत्तों की तरह दौड़ाना जरूर भाई लोग। उसका विडियो जरूर बनाना। इनको इनकी औकात दिखाना जरूरी हो गया है।