यूपी के साल 2022 के चुनाव में इस बार एक नया शब्द बहुत चर्चा में है और इस शब्द का नाम है बुलडोजर। इस शब्द को लेकर विपक्ष, योगी सरकार पर लगातार निशाना साध रहा है।
दरअसल हालही में समाजवादी पार्टी के नेता और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने अपने चुनावी अभियान के दौरान कहा था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ लोग भाजपा के बुलडोजर को भी अलविदा कह देंगे। उन्होंने हालही में सीएम को बीजेपी के चुनाव चिन्ह को बुलडोजर में बदलने की चुनौती भी दी थी।
बता दें कि योगी सरकार में अवैध संपत्ति रखने के आरोप में कई नेताओं पर कार्रवाई हुई है और कई लोगों के अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाया गया है।
ऐसे में भाजपा अक्सर इस बात पर गर्व करती हुई दिखाई देती है कि उसने मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद जैसे लोगों की अवैध संपत्तियों के खिलाफ कार्रवाई की है। जिसके बाद बुलडोजर शब्द भाजपा के प्रचार गीतों में भी शामिल हुआ।
इसी बीच लखीमपुर हिंसा के मुद्दे को उठाते हुए सपा प्रवक्ता उदयवीर सिंह ने कहा है कि योगी सरकार केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी और उनके बेटे के घर को गिराने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल क्यों नहीं कर रही है? गोरखपुर में एक निर्दोष व्यक्ति की हत्या करने वाले पुलिसकर्मियों के घर पर बुलडोजर क्यों नहीं चलाया जा रहा है?
ऐसे में बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी का कहना है कि योगी आदित्यनाथ का बुलडोजर शहरभर में चर्चा का विषय है। अखिलेश यादव दुखी हैं क्योंकि अपराधियों और गैंगस्टरों ने उनके शासनकाल के दौरान अपने महलों का निर्माण किया था लेकिन अब वह असहाय रूप से उन्हें ध्वस्त होते देख रहे हैं।
बता दें कि यूपी में योगी सरकार का कहना है कि उसने राज्य के 33 शीर्ष माफियाओं की 742 करोड़ रुपए की संपत्तियों के खिलाफ कार्रवाई की है। सीएम योगी का कहना है कि पीएम आवास योजना के तहत खाली हुई जमीन पर गरीबों के लिए घर बनाए जाएंगे।
इस पर एसपी के उदयवीर सिंह का दावा है कि गरीबों के घरों पर भी बुलडोजर चलाया गया है। मंदिर परिसर के लिए भूमि का अधिग्रहण करते हुए अयोध्या में लोगों के घरों को भी ध्वस्त किया गया। इसके लिए सरकार मुआवाजा क्यों नहीं देती।
इस पर बीजेपी प्रवक्ता कहते हैं कि सब कुछ (राज्य भर में विध्वंस) कानून के अनुसार हुआ है। कोई भी बलपूर्वक गरीबों की संपत्ति पर कब्जा नहीं कर सकता है। हम इस कारण से यह चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। लोग हमारे साथ हैं।
इस पर सिंह ने बदले में सवाल किया कि भाजपा ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पसंद की संपत्तियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की, जिन्हें अदालत ने फरार घोषित कर दिया है। क्या ऐसा इसलिए है क्योंकि वह उसी जाति से हैं जिससे सीएम हैं?
