उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव करीब आते ही पार्टियों में सीटों के बंटवारे के लिए खींचतान शुरू हो गई है। एनडीए के सहयोगी ज्यादा ज्यादा सीटें पाने की आस लगाए हैं और साथ ही यह भी कह रहे हैं कि अगर संतोषजनक फैसला नहीं किया गया तो वह अलग से ताल ठोकेंगे। बिहार में एनडीए में शामिल जेडीयू ने भी स्पष्ट कहा है कि अगर पर्याप्त सीटें नहीं दी जाती हैं तो उन्होंने यूपी में चार सौ सीटें चिह्नित कर ली हैं जहां से उनके उम्मीदवार मैदान में उतरेंगे। अब रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामदास अठावलने ने भी कहा है कि वह भाजपा के साथ मिलकर 2022 का चुनाव लड़ना चाहते हैं।

गोरखपुर में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अठावले ने कहा कि सीटों के बंटवारे को लेकर वह भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से बातचीत कर रहे हैं। बता दें कि अठावले की पार्टी केंद्र में एनडीए में है। उन्होंने यह भी कहा कि वह मायावती के वोटों में सेंध लगाएंगे।

अठावले ने उम्मीद जताई कि उत्तर प्रदेश में भाजपा उन्हें 10-12 सीटें दे देगी और वह अनुसूचित जाति वाले इलाकों में अपने उम्मीदवार उतार सकेंगे। उन्होंने ऐलान किया कि 26 सितंबर से उनकी पार्टी प्रदेश में बहुजन कल्याण यात्रा निकालेगी। यह यात्रा सहारनपुर से शुरू होगी और 18 दिसंबर को लखनऊ में खत्म होगी। उनका कहना है कि उनकी पार्टी बसपा के वोट काट सकती है और इसका फायदा भाजपा को मिलेगा।

70 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं संजय निषाद
यूपी चुनाव में निषाद पार्टी भाजपा की बड़ी सहयोगी मानी जाती है। पिछले दिनों मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर संजय निषाद ने असंतोष जाहिर किया था। हालांकि अब उन्होंने ऐलान कर दिया है कि उनकी पार्टी भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। उनका कहना है कि निषाद पार्टी के सहयोग के बिना कोई यूपी की सत्ता में कोई नहीं आ सकता। वह 70 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं लेकिन भाजपा के साथ अब तक कोई सहमति नहीं बनी है।

क्या करेंगे ओपी राजभर
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओपी राजभर इन दिनों भाजपा पर आक्रामक हैं। वह अकसर योगी और मोदी सरकार की आलोचना करते रहते हैं। वह उत्तर प्रदेश में भाजपा के सहयोगी रह चुके हैं लेकिन अब कई मुद्दों को लेकर असंतोष जाहिर करते रहते हैं। संजय निषाद ने दावा किया है कि ओपी राजभर के पास कोई विकल्प नहीं है और वह भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे।