उत्तर प्रदेश में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव पास आ रहे हैं सभी दल खुद को खास दिखाने की कोशिश में लग गए हैं। बीएसपी एक तरफ प्रबुद्ध सम्मेलन करके ब्राह्मणों को रिझाने का प्रयास कर रही है तो दूसरी बार उसने बड़ा ऐलान यह किया है कि इस बार किसी भी बाहुबली या माफिया को विधानसभा का टिकट नहीं दिया जाएगा। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि मुख्तार अंसारी को भी इस बार बसपा से टिकट नहीं मिलेगा।
मायावती के बयान के बाद मुख्तार अंसारी ने भी पलटवार किया है। अंसारी ने कहा कि राजनीतिक पार्टियां शायद मेरी ताकत नहीं जानती। उन्होंने एक तरह से मायावती को चुनौती दी है। अंसारी ने ट्वीट में कहा कि वह किसी पार्टी पर ज्यादा भरोसा नहीं करते हैं। उन्होंने कहा, ‘जनता ने कुल पाँच बार विधायक बनाया। दो बार निर्दल उम्मीदवार के रूप में आने पर भी विधायक चुना,जेल में रह कर भी भारी मतों से विजयी बनाया। हमारी ताक़त कोई सियासी पार्टी नही हमारी जनता है जो हमारी है और हम जनता के हैं।’
बता दें कि मऊ विधानसभा सीट से मुख्तार अंसारी रिकॉर्ड पांच बार विधायक रह चुके हें। इस बार मायावती ने उनका टिकट काटकर प्रदेश बसपा अध्यक्ष भीम राजभर को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। इसके बाद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने उन्हें खुला ऑफर दिया। पार्टी के यूपी चीफ ने कहा कि जब तक अंसारी सजायाफ्ता नहीं हैं तब तक उन्हें अपराधी नहीं माना जा सकता। उन्होंने भाजपा नेताओं पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि उनके 37 फीसदी विधायकों पर आपराधिक मामले हैं।
AIMIM के बाद अब ओपी राजभर ने भी अंसारी को ऑफर दिया है। उन्होंने कहा कि अंसारी गरीबों के मसीहा हैं। उन्होंने कहा कि अगर मुख्तार चाहेंगे तो उन्हें मनमुताबिक सीट पर टिकट दिया जाएगा। बता दें कि राजभर भाजपा के पहले सहयोगी थे लेकिन इसबार वह उत्तर प्रदेश में अकेले लड़ने की योजना बना रहे हैं। बीते दिनों ओवैसी और उनके साथ पर भी चर्चा हो रही थी।