16 नवंबर, मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह एक्सप्रेसवे 22 हजार करोड़ रुपये में बनकर तैयार हुआ है। यह यूपी में लाखों करोड़ रुपये के निवेश का माध्यम बनेगा। इससे 9 जनपदों को जोड़ने में मदद मिलेगी साथ ही यह लखनऊ को उन शहरों से भी जोड़ेगा जहां विकास की असीम संभावनाएं हैं।

बता दें कि एक्सप्रेस वे को लेकर भारतीय जनता पार्टी काफी उत्साहित है। इसका कारण 2022 विधानसभा चुनाव माना जा रहा है। दरअसल लखनऊ से फैजाबाद और आजमगढ़, गाजीपुर तक की दूरी कम करने वाले इस एक्सप्रेसवे को भाजपा पूर्वांचल के विकास से जोड़कर देख रही है। ऐसे में पार्टी की नजर पूर्वांचल की 160 सीटों पर भी मानी जा रही है।

बता दें कि 2012 विधानसभा चुनाव में 160 सीटों में से समाजवादी पार्टी को 100 अधिक सीटों पर जीत हासिल हुई थी। नतीजन अखिलेश यादव के हाथों में सूबे की कमान आई थी। वहीं 2017 में भाजपा को पूर्वांचल में 115 सीटों पर जीत मिली थी। मतलब यह कि पूर्वांचल ने जिस पार्टी का साथ दिया, उसकी सरकार बननी तय है। ऐसे में इस क्षेत्र में सभी पार्टियों की पैनी नजर बनी हुई है।

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे: पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की लंबाई 341 किलोमीटर है। यह यूपी के नौ ज़िलों, लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, अंबेडकर नगर, सुल्तानपुर, मऊ, आजमगढ़ और ग़ाज़ीपुर को जोड़ता है। वहीं मऊ, गाजीपुर और आजमगढ़ ऐसे क्षेत्र हैं, जहां पिछले लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बाद भी भाजपा को जीत नसीब नहीं हुई थी। ऐसे में भाजपा का निशाना इन जिलों पर भी है। इस एक्सप्रेसवे के जरिए भाजपा इन जिलों में मतदाताओं को लुभाने का प्रयास कर रही है।

इसके अलावा पश्चिमी यूपी में किसान आंदोलन, लखीमपुर खीरी हिंसा मामले को लेकर माना जा रहा है कि भाजपा को नुकसान हो सकता है। इसकी भरपाई के लिए पार्टी पूर्वांचल में अधिक मेहनत कर रही है। आलम यह है कि भाजपा ने इन क्षेत्रों में विकास योजनाओं की झड़ी लगा दी है।

पूर्वांचल में भाजपा के विकास कार्यों पर गौर करें तो 20 अक्टूबर को जहां पीएम मोदी ने कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन किया था तो वहीं 25 अक्टूबर को सिद्धार्थनगर में 9 मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया। इनकी लागत 2,329 करोड़ रुपये है। ये सभी कॉलेज पूर्वांचल के जिले सिद्धार्थनगर, एटा, हरदोई, देवरिया, गाजीपुर, प्रतापगढ़, फतेहपुर, मिर्जापुर और जौनपुर जिलों में निर्मित हैं।