पिछले कुछ हफ्तों से यूपी की राजनीति में काफी उबाल चल रहा है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच भी संबंध अच्छे नहीं चल रहे हैं। इस बीच इस बार लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी को सीटें कम मिलीं। इस पर पार्टी के अंदर लगातार समीक्षा हो रही हैं। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ नीति आयोग की बैठक में भाग लेने के लिए शुक्रवार की शाम दिल्ली पहुंच रहे हैं। वह अगले दिन शनिवार को पीएम नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे और उनसे राज्य की ताजी स्थिति के बारे में बताएंगे। इसके लिए वे पूरी तैयारी के साथ आ रहे हैं। सीएम ने राज्य के करीब 200 मौजूदा और पूर्व विधायकों और सांसदों तथा संगठन से जुड़े कई लोगों से बातचीत कर फीडबैक लिया है। अगले कुछ दिनों बाद राज्य में 10 सीटों पर उपचुनाव भी होने हैं।

चुनाव में सीटें कम आने पर लिया फीडबैक

योगी आदित्यनाथ पीएम मोदी के साथ किस एजेंडे पर बात करेंगे, यह साफ नहीं है, लेकिन राज्य में बीजेपी की सीटें कम आने को लेकर वह अपनी ओर से कुछ फीडबैक जरूर देंगे। माना जा रहा है कि 200 नेताओं से मुलाकात से मिली जानकारी भी वह साझा कर सकते हैं।

हाल ही में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने संगठन को सरकार से बड़ा होने का मुद्दा उठाया था और इसके जरिए वह सीएम पर निशाना भी साधे थे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने सांसदों और विधायकों के साथ मुलाकात के अलावा संगठन के लोगों से भी बैठकें की और चुनाव को लेकर जानकारियां लीं।

इस बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी को उम्मीद से काफी कम सीटें यूपी में मिलीं। यह पार्टी के लिए बड़ा झटका था। विपक्ष की सीटें बढ़ने से उनको भी बीजेपी पर वार करने का अच्छा मौका मिल गया।

कहा जा रहा है कि आदित्यनाथ पीएम नरेंद्र मोदी के विजन के पूरक हैं। उन्होंने अक्सर मोदी की शासन शैली की नकल की है। आदित्यनाथ ने अपने लिए एक आक्रामक ब्रांड की राजनीति बनाने का प्रयास किया है, जो हिंदुत्व की अभिव्यक्ति से जुड़ी है, और खुद को एक कठोर प्रशासक के रूप में पेश किया है जो टकराव से नहीं कतराता है, कभी-कभी तो कानून से भी।