उत्तर प्रदेश के औरैया जिले के एक तहसील में एक यूपी सरकार के क्लर्क (नजीर) को नवनिर्मित तहसील भवन में कुरान पढ़वाने का वीडियो सामने आने के बाद सस्पेंड कर दिया गया है। लईक अहमद (51) को सोमवार को जिला मजिस्ट्रेट अभिषेक सिंह ने निलंबित कर दिया था, जिसमें प्राथमिक जांच के बाद उन्हें बिना अनुमति तहसील परिसर में कुरानख्वानी के आयोजन के लिए जिम्मेदार पाया गया था।
‘धार्मिक आयोजन के कारण नहीं किया गया निलंबित’: दरअसल इस मामले में जिला मजिस्ट्रेट सिंह से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि अहमद को किसी भी धार्मिक आयोजन के लिए निलंबित नहीं किया गया, वह अनियमितताओं के आरोपों का सामना कर रहे हैं।
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कोर्ट के अंदर कुरानख्वानी का आयोजन करने पर निलंबित: बता दें कि एडीएम (न्यायिक) एम पी सिंह ने अहमद को निलंबित किया था, उन्होंने जांच का संचालन करते हुए कहा कि नाज़िर ने एसडीएम कोर्ट के अंदर कुरानख्वानी का आयोजन करने से पहले किसी से अनुमति नहीं ली थी, इसलिए उन्हें निलंबित कर दिया गया।
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नकारात्मक उर्जा की शिकायत मिली थी: तहसीलदार संध्या शर्मा ने बताया कि तहसील के नई बिल्डिंग के सामने कब्रिस्तान होने से लोगों ने तहसील भवन में नकारात्मक ऊर्जा की शिकायत की थी। उन्होंने आगे बताया कि, “उसने (अहमद) अदालत में किसी को भी जानकारी देने या कुरान पढ़ने के लिए नहीं कहा। उन्होंने ऐसा इसलिए किया ताकि वह जगह तथाकथित नकारात्मक ऊर्जा से छुटकारा पा सके”।
क्या है पूरा मामला: तहसील भवन में अपर मुख्य सचिव महेश गुप्ता के आदेश से 10 दिसंबर से काम शुरू होना है। पुराने तहसील से सामान लाया जा रहा है। सोमवार (2 दिसंबर) को एसडीएम अजीतमल की कोर्ट में कारी रेहान समेत छह मौलानाओं को बुलाकर कुरान ख्वानी करा दी गई। वहां मौजूद लोगों में किसी ने उसका विडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया। विडियो का संज्ञान लेते हुए इटावा सांसद रामशंकर कठेरिया और क्षेत्रीय विधायक रमेश दिवाकर ने इस पर कड़ी अपत्ति जताई है। इसके बाद जिलाधिकारी ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।