नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन में गोली लगने से यूपी के बिजनौर जिले में 20 वर्षीय मोहम्मद सुलेमान की मौत हो गई थी। नहटौर पुलिस स्टेशन के तत्कालीन स्टेशन ऑफिसर राजेश सिंह सोलंकी सहित छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। सोलंकी की जगह एसएचओ बने सत्य प्रकाश सिंह ने “द संडे एक्सप्रेस” को बताया कि सोलंकी के अलावा स्थानीय चौकी प्रभारी आशीष तोमर, कांस्टेबल मोहित कुमार और तीन अन्य “अज्ञात” पुलिसकर्मियों के खिलाफ सुलेमान के भाई शोएब ने एफआईआर दर्ज कराया है।
सोलंकी को स्थानांतरित किया गया: सिंह के अनुसार, एफआईआर आईपीसी धारा 302 (हत्या), 147 (दंगा), 148 (दंगाई, घातक हथियार से लैस) और 149 (गैरकानूनी असेंबली के प्रत्येक सदस्य के खिलाफ अपराध के सामान्य अपराध में अभियोजन का दोषी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। एडिशनल एसपी (रूरल) विश्वजीत श्रीवास्तव ने कहा कि घायल होने की वजह से सोलंकी को नहटौर पुलिस स्टेशन से जिला अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (DCRB) में स्थानांतरित कर दिया गया है।
Hindi News Today, 29 December 2019 LIVE Updates: देश-दुनिया की हर खबर पढ़ने के लिए यहां करें क्लिक
कांस्टेबल की गोली से हुई मौत: बता दें कि द संडे एक्सप्रेस को बिजनौर के पुलिस अधीक्षक संजीव त्यागी ने 23 दिसंबर को इस बात की पुष्टी की थी कि सुलेमान की मौत पुलिस कांस्टेबल मोहित कुमार की गोली से हुई है। कांस्टेबल ने यह गोली आत्मरक्षा में फायर किया था जो सुलेमान को जाकर लगी जिससे उसकी मौत हो गई।
देशी हथियार से पुलिस को मारी गई गोली: गौरतलब है कि इसका खुलासा सुलेमान के शरीर से प्राप्त गोली के बैलिस्टिक रिपोर्ट से हुई थी। जिसके बाद यह कन्फर्म हो गया था कि यह गोली कांस्टेबल मोहित के पिस्टल से चलाई गई है। बता दें कि कांस्टेबल मोहित को भी पेट में गोली लगी थी, जो किसी देशी हथियार से चलाई गई थी। लेकिन सुलेमान के पास पुलिस को कोई हथियार नहीं मिला था। सुलेमान के घरवालों का आरोप है कि वह नमाज अदा करने के बाद एक मस्जिद से घर लौट रहा था इसी दौरान पुलिस ने उसे उठा लिया और मदरसे के पास एक गली में ले गए और उसे गोली मार दी।