उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को एक नया महिला चेहरा मिला है। हाल के दिनों में कई हाई-प्राेफाइल नेताओं की आवा-जाही देख चुकी कांग्रेस उत्तर प्रदेश में खुद को आगे रखने में कामयाब रही है। खबर है कि राय बरेली के चर्चित नाम अखिलेश सिंह की बेटी अदिति ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। अदिति को कांग्रेस में शामिल कराने में प्रियंका गांधी का अहम रोल है। प्रियंका ही अपनी मां सोनिया गांधी की लाेक सभा सीट राय बरेली का सारा काम संभालती हैं। पांच बार विधायक रह चुके अखिलेश तीन बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं, मगर इसके बाद उन्होंने पार्टी से किनारा कर लिया। दो बार निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीत हासिल कर विधायक बने। राय बरेली में नेहरु-गांधी परिवार के वर्चस्व के बावजूद जब अखिलेश निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लड़े तो कांग्रेस उन्हें हरा नहीं पाई। अब, अदिति विधानसभा चुनावों में राय बरेली सदर सीट से कांग्रेस उम्मीदवार होंगी। उनकी उम्मीदवारी पर पिता अखिलेश सिंह ने भी सहमति जता दी है। अदिति को लगता है कि प्रियंका युवाओं को अपील करती हैं और उन्हें राज्य भर में कांग्रेस के लिए प्रचार करना चाहिए।
उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। राजनैतिक गलियारों में इन चुनावों को 2019 का क्वार्टर फाइनल भी बताया जा रहा है। राज्य में सत्ताधारी समाजवादी पार्टी के सामने जहां एंटी इनकम्बेंसी फैक्टर से निपटने की चुनाैती होगी। वहीं विपक्षी दल कानून-व्यवस्था, धार्मिक अशांति जैसे कई मुद्दों पर अखिलेश यादव सरकार को घेरने की तैयारी में हैं। राज्य में पिछले ढाई दशक से सत्ता से बाहर कांग्रेस के सामने अपना खोया हुआ सम्मान वापस पाने की चुनौती है। इसीलिए पार्टी ने पिछले लाेकसभा चुनावों में भाजपा की तरफ से कमाल करने वाली चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को जिम्मेदारी सौंपी है। किशोर कांग्रेस नेताओं से मिलकर लगातार मिशन 2017 की तैयारियों में जुटे हुए हैं। हालांकि उनकी मांग थी कि चुनाव में प्रियंका गांधी को कांग्रेस के चेहरे के तौर पर आगे किया जाए। किशोर का मानना है कि इससे कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में निश्चित तौर पर बढ़त मिलेगी।