सीबीआई ने दिल्ली की एक अदालत में गुरुवार को कहा कि उन्नाव पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में पूर्व विधायक और बीजेपी से बर्खास्त नेता कुलदीप सिंह सेंगर तथा छह अन्य लोगों को अधिकतम सजा दी जानी चाहिए। सुनवाई के दौरान जिला जज धर्मेश शर्मा के सामने पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर गिड़गिड़ाने लगा और कहा, “कृपया मुझे न्याय दीजिए। यदि मैंने कुछ गलत किया हो तो मेरी आंखों में तेजाब डाल दें या फांसी पर लटका दें।” सेंगर को उन्नाव पीड़िता के मामले में पहले ही उम्रकैद की सजा मिली हुई है।
पिछले हफ्ते, दिल्ली की एक अदालत ने उन्नाव पीड़िता के पिता की हत्या के आरोप में सेंगर, उनके भाई, दो पुलिसकर्मियों और तीन अन्य को दोषी ठहराया था। आरोपी को मामले में अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का सामना करना पड़ सकता है। कोर्ट सजा की अवधि की घोषणआ शुक्रवार को करेगी। हालांकि जज ने सेंगर से कहा कि वह मामले में सभी तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार कर चुके हैं।
सीबीआई अभियोजक ने विशेष न्यायाधीश धर्मेश शर्मा को बताया कि मामले में दोषी ठहराए गए दोनों पुलिसकर्मियों को कठोर सजा दी जानी चाहिए। सीबीआई अभियोजक ने अदालत को बताया, “पुलिस अधिकारी लोक सेवक हैं और उनका कर्तव्य कानून और व्यवस्था बनाए रखना था। मृतक को शाम 6 बजे पीटा गया, वे उसके साथ रात 9 बजे तक बैठे रहे। उन्होंने गंभीर पूर्वाग्रह किया है। वे अधिक जिम्मेदार हैं। वे कुछ अच्छा कर सकते थे।”
अभियुक्तों को दोषी ठहराते हुए अदालत ने कहा कि घटनाओं का अनुक्रम “स्पष्ट रूप से स्थापित करता है, यह संदेह से परे है। आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर के संरक्षण में उसके आदमियों विनीत मिश्रा, बीरेंद्र सिंह और शशि प्रताप सिंह (और शायद कुछ अन्य लोग, जिनकी पहचान नहीं की जा सकी) ने पीड़ित को पैरों से मुट्ठी से और राइफल की बैरल से मारा।”