उन्नाव रेप मामले की पीड़िता ने दिल्ली की कोर्ट में सुरक्षा में तैनात अपने ही PSO पर उत्पीड़न का आरोप लगया है। बताते चलें कि इस सुरक्षाकर्मी को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ही पीड़िता की सुरक्षा में लगाया गया था। सेशन जज धर्मेश शर्मा ने सीबीआई के जांच अधिकारी को निर्देश दिया कि वह इस मामले में स्थानीय पुलिस की मदद से एक रिपोर्ट तैयार करें।
जज ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये कहा कि शिकायतकर्ता की तरफ से याचिका दायर की गई है कि उसका और उसके परिवार के लोगों का कोर्ट के निर्देश पर तैनात किये गए पीएसओ द्वारा उत्पीड़न किया जा रहा है, यह इस संदर्भ में है कि उसे उसकी आजादी का आनंद नहीं लेने दिया जा है। उन्होंने कहा कि पुलिस की तरफ से एक सीलबंद लिफाफा भी मिला है जिसमें शिकायतकर्ता और उसके परिवार के लोगों के बारे में कुछ आरोप लगाए गए हैं। सेशन जज ने कहा कि इस आवेदन को विचारार्थ स्वीकार किया जाए।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने साल 2017 में पीड़िता को किडनैप कर उसका दुष्कर्म किया था। उस वक्त पीड़िता नाबालिग थीं। इस बहुचर्चित मामले को पहले दिल्ली और फिर सीबीआई के हाथों में सौंप दिया गया था। इसके बाद साल 2019 में एक सड़क हादसे में पीड़िता के पिता की मौत हो गई थी।
रेप पीड़िता, उसके परिवार के सदस्य और वकील एक कार में सवार थे, तभी रायबरेली में तेज गति से आ रहे एक ट्रक ने उनके वाहन को टक्कर मार दी थी, जिसमें पीड़िता के दो रिश्तेदारों की मौत हो गयी और वह तथा उसका वकील गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना के बाद एक अगस्त 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता, उसकी मां व परिवार के अन्य सदस्यों को सुरक्षा देने के आदेश दिए थे।
पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को इस मामले में 2019 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। सेंगर के अलावा उसके भाई और पांच अन्य को चार मार्च 2020 को न्यायिक हिरासत के दौरान पीड़िता के पिता की मौत के लिए दोषी ठहराते हुए 10 साल कैद की सजा सुनाई थी।