कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच गतिरोध जारी है। इस बीच किसानों ने शनिवार को देशभर में चक्का जाम करने का ऐलान किया है। इस ऐलान के मद्देनजर अलग-अलग राज्य की सरकारों ने भी कमर कस ली है और सुरक्षा के इंतजाम चाक-चौबंद करने शुरू कर दिए हैं। इस बीच संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय (OHCHR) ने भारतीय अधिकारियों से आंदोलनकारी किसानों के प्रति ज्यादा से ज्यादा संयम बरतने की अपील की है।
यूएन के मानवाधिकार कार्यालय ने इस बात पर जोर दिया कि सभी के मानवाधिकारों के सम्मान में ‘न्यायसंगत समाधान’ तलाशना जरूरी है। ओएचसीएचआर ने ट्वीट कर कहा कि शांतिपूर्ण एकत्र होने एवं अभिव्यक्ति के अधिकारों की ‘‘ऑनलाइन एवं ऑफलाइन’’ हिफाजत की जानी चाहिए।
क्या है UN Human Rights का ट्वीट: यूएन की इस संस्था ने ट्वीट में कहा, ‘‘भारत : हम प्राधिकारों एवं प्रदर्शनकारियों से किसान आंदोलन के प्रति अधिकतम संयम बरतने का आह्वान करते हैं। शांतिपूर्ण एकत्र होने एवं अभिव्यक्ति के अधिकार की दोनों, ऑनलाइन एवं ऑफलाइन, ही तरह से हिफाजत की जानी चाहिए। यह जरूरी है कि सभी के मानवाधिकारों की रक्षा करते हुए न्यायसंगत समाधान तलाशा जाए।’’
बता दें कि आंदोलनकारी किसान आज कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर में चक्का जाम करेंगे। किसान संगठनों ने पहले ही 6 फरवरी (शनिवार) को इसके लिए चुन लिया था। हालांकि, इस देशव्यापी आंदोलन से बाद में दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड को छूट दे दी गई। यानी इन राज्यों के राष्ट्रीय राजमार्गों को जाम नहीं किया जाएगा। बता दें कि आज दोपहर 12 बजे से लेकर 3 बजे तक किसान वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा देंगे।
किसानों के इस आंदोलन के मद्देनजर सभी राज्यों ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर ली है। दिल्ली में चप्पे-चप्पे पर 50 हजार से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जाएगी। इनमें दिल्ली पुलिस के साथ रिजर्व पुलिस फोर्स (आरपीएफ) और पैरामिलिट्री फोर्स के जवान शामिल होंगे। दरअसल, भारत में गणतंत्र दिवस के दिन रखी गई किसानों की ट्रैक्टर रैली में हिंसा भड़क गई थी। कई प्रदर्शनकारी किसान इस दौरान यूएन द्वारा प्राचीन धरोहर घोषित किए गए लाल किले में भी घुस गए थे और जमकर तोड़फोड़ की थी। इस घटना में सुरक्षाबल और दिल्ली पुलिस के कई जवानों को गंभीर चोटें आई थीं।