Union Minister Kiren Rijiju: लोकसभा में भाजपा सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय की टिप्पणी पर गुरुवार को भी सदन में जमकर हंगामा हुआ। विपक्षी दल इस मामले में अभिजीत गंगोपाध्याय से माफी की मांग कर रहा है। इस बीच केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने स्थिति को संभालने की भी कोशिश की। रिजिजू ने अपनी ही पार्टी के सांसद की टिप्पणी की आलोचना की। उन्होंने सदन में कहा कि भाजपा सांसद ने भाषा का गलत इस्तेमाल किया। इस सदन का कोई भी सदस्य अपनी टिप्पणी से अगर सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाता है, तो यह बहुत दुख की बात है।
रिजिजू ने आगे कहा कि अगर कोई भी सदस्य ऐसी टिप्पणी करते हैं तो उसके खिलाफ स्पीकर के पास कार्रवाई करने की ताकत है। मैं यह कहता हूं कि जब यह टिप्पणी की गई थी, तब मैं यहां मौजूद नहीं था। मैं राज्यसभा में था। मैं चाहता तो डिफेंड कर सकता था। किसने हमारे सदस्य को उकसाया, मैं उसप र नहीं जाना चाहता हूं।
इस मामले में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि वह जो आदेश देंगे, उसे सभी को मानना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस सदन की एक मर्यादा है। उच्च परंपरा और परिपाटी रही है। मेरा सभी सदस्यों से आग्रह है कि वे सदन में अपनी बात रखें, चर्चा में भाग लें, लेकिन कोई ऐसी टिप्पणी न करें जो संसदीय परंपराओं के अनुकूल हो।
भाजपा सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय ने क्या कहा था?
पूरा मामला तब सामने आया जब पश्चिम बंगाल के तामलुक से बीजेपी सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय सदन में बजट पर हो रही चर्चा में भाग लेते हुए आर्थिक विषयों पर अपनी बात रख रहे थे। इस दौरान कुछ विपक्षी सदस्यों ने टीका-टिप्पणी की तो गंगोपाध्याय ने कहा कि विद्वान सदस्यों को इस विषय के बारे में जानकारी नहीं है और उन्हें सीखना चाहिए। इसी दौरान कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने ‘गोडसे’ को लेकर कोई टिप्पणी की, जिस पर पलटवार करते हुए गंगोपाध्याय ने उनके लिए एक आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया। इसका विपक्षी सदस्यों ने विरोध किया। तब कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व जज रहे अभिजीत गंगोपाध्याय वो टिप्पणी की, जिसे लेकर विपक्ष आक्रोशित हो गया।
वहीं दूसरी तरफ बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद अभिषेक बनर्जी ने जब नोटबंदी और लॉकडाउन का उल्लेख किया, तब स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें टोका और कहा कि वह बजट पर बोलें। 2016 के बाद 2019 में चुनाव हो चुके हैं। इस पर अभिषेक बनर्जी ने कहा कि जब बीजेपी के सांसद 60 साल और 100 पहले का जिक्र करते हैं नेहरू पर बोलते हैं तो आप चुप रहते हैं।
इसके बाद टीएमसी सांसद ने कहा कि बजट में B का मतलब बिट्रेयल (विश्वासघात), U का मतलब अनएम्प्लॉयमेंट (बेरोजगारी), D का मतलब डिप्राइव्ड (वंचित), G का मतलब गारंटी (0 वारंटी), E का मतलब एसेंट्रिक (सनकी) और T का मतलब ट्रैजडी (त्रासदी) है।
अभिषेक के बजट वाले बयान पर भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि TMC नेता ने तीन आपत्तिजनक और असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया है। उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। बांसुरी ने स्पीकर ओम बिरला से इन शब्दों को लोकसभा की कार्यवाही से हटाने की मांग की। इस पर स्पीकर ने कहा कि मैं इसे पढ़ूंगा। जरूरत लगी तो इस पर फैसला लिया जाएगा।
लोकसभा में बजट पर बहस के दौरान स्पीकर ओम बिरला और TMC सांसद अभिषेक बनर्जी में भी वाद-विवाद हुआ। अभिषेक ने कहा कि केंद्र सरकार ने कृषि बिल को किसानों, किसान संगठन या विपक्षी दलों की सलाह लिए बिना ही पास कर दिए।
इस पर स्पीकर बिरला ने कहा था कि सदन में बिलों पर साढ़े पांच घंटे की चर्चा हुई। अभिषेक ने फिर कहा कि इस पर कोई डिस्कशन नहीं हुआ। तब बिरला ने कहा कि स्पीकर जब बोलता है तो सही बोलता है। आप खुद को सही कर लीजिए। इस पर अभिषेक ने कहा, ‘जब मैं बोलता हूं तो गलत नहीं बोलता।’ अभिषेक बनर्जी TMC के महासचिव और पार्टी में ममता बनर्जी के बाद दूसरे नंबर पर हैं।